पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१२१

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

को पुस्तक। २ पळ] प. बी स्नान करने को नही पर उतरी और उम् की सहेलियां नदी के तौर पर फिरती थी और उस ने काज में रेकरा देखकर अपनी सहेली को भेजा कि उसे लाये ॥ ६ । जब उस ने उसे खोला तो बालक को देखा और देखो कि बालक रोता है बुह उस पर दया करके बोली कि यह किसी इबरानियों के बालकों में से है ॥ ७॥ नाब उस की बहिन ने फिरजन की पुत्री को कहा कि मैं जाके इबरानी स्त्रियों में से एक दाई तुझ पास ने आऊ जिम्त बुह तेरे लिये इस बालक को दूध पिलावे ॥ ८। फिर- ऊन की पुत्री ने उसे कहा कि जा वुह कन्या गई और बालक की माता को बुलाया ॥ । फिरजन की पुत्री ने उसे कहा कि इस बालक को ले और मेरे लिये उसे दूध पिला और मैं तुझ महिनवारी हूंगी और उस स्त्री ने उस लड़के को लिया और दूध पिलाया॥ १० । और जब बालक बढ़ा बुह उसे फिरऊन की पुत्री पास लाई और बुह उस का पुत्र हुआ तब उस ने उस का नाम मूसा रपला इस कारण कि उस ने उसे पानी से निकाला॥ ११ । और उन दिनों में यों हुअा कि जब मूमा सयाना हुआ वुह अपने भाइयों पास बाहर गया और उन के बोझो को देखा और अपने भाइयों में से एक इबरानी को देखा कि मिसी उसे मार रहा १२। फिर उस ने इधर उधर दृष्टि किई और देखा कि कोई नहीं तब उम ने उस मिसी को मार डाला और बाल में उसे छिपा दिया। १३ ? जब वुह दूसरे दिन बाहर गया तो क्या देखता है कि दो इचरानी अापम में झगड़ रहे हैं तब उस ने उस अंधेरों को कहा कि तू अपने परोसी को क्यों मारता है॥ १४ । उस ने कहा कि किस ने तुझे हम पर अध्यक्ष अथवा न्यायी ठहराया क्या तू चाहता है कि जिस रीति मे तू ने मिस्त्री को मार डाला मुझे भी मार डाले तब मूसा डरा और ममझा कि यह बात खुल गई ॥ १५। जब फिरजन ने यह बात सुनौ नो चाहा कि मूसा को मार डाले परन्तु मूसा फिरजन के आगे से भाग निकला और मदियान के देश में जा रहा और एक कुएं के निकट बैठ गवा॥ १६ । और मदियान के याजक की सात पुत्री थी वे भाई और खींचने लगी और कठरों को भरा कि अपने बाप के को पानी पिलायें ॥ १.७तब गड़रियों ने उन्हें हांक दिया परन्तु मूमा ने खड़े