) .. ...( ? ) . .. ... . 3 ... . .. २ .. 21 3 , III १४३ स्त्री-पुरुष, मथुगजो के, जो मढलो में चना वाटते ...(क्षत्री) २४ एक डोकग, जाने आट वेग काल को फेरयो .( एक विरक्त, गुजगन को जाने वैष्णव के वेटाको जियायो २४६ पक नाऊ . (नाऊ) २४७ एक पठान को वेटा (पठान) १४८ स्त्री पुरुष, आगरे के, जिनके मालिग्राम में ते श्रीठाकुरजी भए ....(कनोजिया ब्राह्मन) ..३१३ १४९ एक माहकार, सूरत को, जाके वेटा को वहु को म्लेच्छ ले चल्यो . (वैश्य) १५० उद्धव प्रवाडी ...(नागर ब्राह्मन) १५६ मीताबाई. अचलवाई ..( २५२ पक श्रोता एक वक्ता ...(वैश्य) १५३ एक कायस्थ, आगरे को ....(कायस्थ) १५४ एक ब्रजवामी एक मोची, एक ब्राह्मन (ब्राह्मन, मोची, ब्राह्मन) ३६२ २५ एक बनिया, एक ब्राह्मन, देवी के विवाह उतारे ...(यनिया, ब्राह्मन) ३६८ १५६ एक वीनकार, श्रीनाथजीहार में रहतो (मनाढय ब्राह्मन) ...३७ १५७ प्रेमजी • (लुहाणा) ..३७८ १५८ वृन्दावनदास, छवीलदास (क्षत्री) १५९ क्री-पुरुष ब्राह्मन, स्त्री रुख के नीचे द्रव्य लेइवे गई (ब्राह्मन) ३८४ १६० एक भगवदीय, एक ताहसी, जिनने परीक्षा करो ३८७ २६१ एक वैष्णव, जो गिरिराज ऊपर चढयो विश्य) ...३९३ पफ विरक्त ब्राह्मन, गुजरात को, जाकी श्रीगुसाईजीने सात स्परूपन को भाधना कही (ब्राह्मन) ...३९५ १६३ एफ क्षत्री, पूरब को, जाकों श्रीनाथजी भारी बटा दिए (क्षत्री) ...१०१ १६४ एक अन्यमारगी, जाने स्मशान में वैठि के खायो ....१०८ १६५ एक राजा. पुरव की. जाने म्मसान में झूठनि बाई ..(क्षत्री) ...४१३ १६६ रूपा पीरिया (मनादश ग्रासन ४५७ १६७ एक चूडा .. (1651) .१२६ १६८ वी-पुरुष, राजनगर के जिनके पांच रतन निस्से .. ..(3) द्वितीय खण्ड समाप्त .. ... १ .. 5 . .. 2 .. .. ...
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