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चिदम्बर

कुल क्षेत्रफल ३२ एकड़ है। बाहरी दीवार उतर दाहल १८०० सुट लम्बी और पूर्व पश्चिम १४८० फुट लम्बो है: इस ३२ एकड़ भूमि के बीच में एक बहुत ही सुन्दर तालाब है। वह ३१५ फुट लम्बा और १८.फुट चौड़ा है। उसके चारों किनारों पर चार बड़े बड़े गोपुर हैं। जो गोपुर उत्तर और दक्षिण की ओर है मामा १६०फुट ऊपर आकाश में चले गये हैं।

तालाब के पास एक बहुत विस्तृत दीवानखाना है। वह ३४० फुट लम्बा और १९० फुट चौड़ा है। पहले उनने १००० खम्बे थे। परन्तु फरगुसन साहब के गिनने पर वे ९८४ हो निलके । शायद १६ खम्भे गिर गये हैं। यह एक आश्चर्यकारक स्थान है। क्याकि १००० खम्भे के नाम से प्रसिद्ध होने वाले जितले स्थान इस देश में हैं,उनमें से एक में भी इतने खम्भ नहीं पाये जाते जितने चिदम्बर में हैं ।

यहीं पर पार्वती का एक मन्दिर है। इस मन्दिर के अग्रभाग में बहुत बड़ी कारीगरी की गई है। उसे देखकर चित को अलौकिक आनन्द होता है।

पार्वती के मन्दिर से मिला हुआ एक और मन्दिर है। वह सुब- ह्मण्य के नाम से प्रसिद्ध है। उसके घेरे का परिमाण २५०×३०५ फुट है। मन्दिर के सामने एक मोर और दो हाथियों की विशाल मूर्तियां हैं। उनके आगे एक वरांडा है। उसमें जम्ने हैं। उनपर जो काम है वह वर्णन से बाहर है। फग्गुसन साहब का मत है कि यह मन्दिर ईसा की सतरहवीं शताब्दी का है। इस मन्दिर के घेरे के