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चिदम्बर

चिदम्बर मदरास से १९१ मील है। वह एक छोटा सा कसबा है। उसकी आबादी कुल २०,००० है। परन्तु उसमें हिन्दुओंके दो एक बहुत प्राचीन मन्दिर हैं, इसीलिए उसका बड़ा महात्म्य है। जो लोग रामेश्वर के दर्शन को जाते हैं वे चिदम्बर और कुम्भ कोण के प्रसिद्ध मन्दिरों को देखे बिना नहीं लौटते।

फ़रगुसन साहब का मत है कि चिदम्बर के मन्दिर दक्षिणी हिन्दुस्तान में बहुत पुराने हैं। उनका कोई कोई भाग इतना सुन्दर और इतना मनमोहक है कि उसमें कलाकौशल की चरम सीमा पाई जाती है। पुरातत्व के जानने वाले कहते हैं कि प्राचीन चोल-राज्य की सीमा दक्षिण की तरफ़ चिदम्बर तक थी। इस राज्य की समय समय पर कई राजधानियाँ नियत हुई थीं। इसकी पहली राजधानी कावेरी नदी के तट पर ऊरीउर में थी; फिर कुम्भकोण में हुई और अन्त में तञ्जापुर अर्थात् तञ्जोर में।