बलगारिया में लड़कों और लड़कियों के विवाह का समय नियत है। विवाह के समय लड़के की उम्र १९ और लड़की की १७ साल से कम न होनी चाहिए। विवाह का सारा कार्य वहां के पुरोहितों और धर्म-याजकों द्वारा सम्पन्न होता है। धर्म-याजक और पुरोहित ही पति-पत्नी के त्याग के मुक़दमों का भी विचार करते हैं। बलगारिया के स्त्री-पुरुष कपटप्रेम करना बहुत कम जानते हैं। पत्नी के अधिकारों पर पति आघात नहीं करता ; पत्नी भी पति ही की हर प्रकार सहायता करती है। इसी से पति-पत्नी में तलाक देने की नौबत बहुत कम आती है।
साधारण जीवन व्यतीत करने पर भी बलगारिया के निवासियों की तन्दुरुस्ती अन्य देशों के निवासियों की तन्दुरुस्ती से अच्छी है। उनका शरीर खूब दृढ़ और श्रमसहिष्णु होता है। रोग उन्हें कम सताता है।
बलगारिया की राजधानी सोफ़िया बहुत सुन्दर और मनोरम नगर है। बलगारिया के स्वतन्त्र होने के पहले वह बड़ी बुरी दशा में था। उसकी आबादी उस समय केवल २० हज़ार थी। उसकी गलियां तंग और गन्दी थीं। चौड़ी सड़कें बहुत कम थीं। किन्तु अब इस नगर की काया ही पलट गई है। अब तो इसकी आबादी कोई १,२५,००० है। चौड़ी चौड़ी सड़कें और साफ सुथरी गलियों इसकी शोभा को बढ़ा रही हैं। इसके अनेक दर्शनीय और विशाल भवनों की निराली छटा दर्शक के मन को मोह लेती है। राजकीय भवन, बड़ा पोस्ट-आफिस, जातीय नाटक-भवन, युद्ध का दफ्तर, नेशनल बैंक, विलियम