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दृश्य-दर्शन
वहां पहले पहल अँगरेज़ वणिकों ने अपनी कोठी बनाई। अब इस कोठी का समूल नाश हो गया है। सिर्फ़ एक टीला बाकी है। पर अट्ठारहवीं सदी में अँगरेज़ों की रेजिडेन्सी की इमारत बहुत अच्छी थी। शुरू शुरू में हेस्टिंग्ज साहब वहीं पर हिन्दुस्तानियों से माल खरीदा करते थे। वहीं आपने एक अँगरेज़ विधवा से विवाह भी किया था। कोठी पर दखल करने के बाद सिराजुदौला ने वहीं से हेस्टिंग्ज को कैद करके मुरशिदाबाद भेजा था !
मुरशिदाबाद के विषय में अभी बहुत सी बातें लिखनी बाकी हैं। पर लेख बढ़ जाने के भय से हम अधिक नहीं लिखा चाहते । सिराजुद्दौला को पदच्युत करके मीरजाफ़र को मसनद दिलाने के उपलक्ष्य में मुरशिदाबाद के खजाने से कोई दो करोड़ रुपया कलकत्ते के अङ्गुरेज़ अधिकारियों को दिया गया था। उनमें से कुछ की तफसील नीचे देकर हम इस लेख को खतम करते हैं-
रुपया
गवर्नर ड्रेक
४,७२,५००
कर्नल क्लाइव
३५,१०,०००
वाट साहब
१९,५५,०००
मेजर किर्क पैट्रिक
४,०५,०००
वाल्श साहब
८,२३,७५०
स्क्राफटन साहब
३,३७,५००
लूशिंटन साहब
८४,३७५
[दिसम्बर १९०६]