नाज़िम और उनके सिपहसालारों और अमीरों ने लड़ाई में काम लिया है। यहाँ के अनेक हथियार भी,लार्ड कर्जन की कृपा से, विकटोरिया की यादगार में जो इमारत कलकत्ते में बन रही है, उसमें रखने के लिए उठ गये हैं। दो चार हथियारों के नाम हम नीचे देते हैं-
१–विक्रमादित्य का भाला-मुसल्मानों के द्वारा हिन्दुओं से छीना गया। फल के ऊपर एक तरफ़ विष्णु का दूसरी तरफ़ गरुड़ का चित्र है। फल की लम्बाई १८ इञ्च । सोने से मढ़ा हुआ।
२-तैमूर की तलवार-इस पर फ़ारसी में खुदा हुआ है-“अमीरे साहब केरान ।" अक्षर सोने के हैं।
३-फारस के बादशाह शाह अब्बास के समय में मशहूर कारी- गर असदुल्ला इस्फहानी की बनाई हुई कितनी ही तलवारें।
४-औरङ्गजेब की तलवार । औरङ्गजेब का नाम खुदा हुआ।
५-फारस के शाह अब्बास की निज की तलवार जिसे वह हाथ में रखता था।
६-देहली की बनी हुई तलवार,२ फुट ६ इंच लम्बी। इस पर “महम्मदशाह गाजी” खुदा हुआ है।
७–वारन हेस्ट्जि का दिया हुआ कटार। इसे हेस्टिग्ज ने नब्बाब नाज़िम को नज़र किया था।
८-बारह हजार रुपये में खरीदे गये दो पिस्तौल। इन पर सोने और चाँदी का बहुत अच्छा काम है।
यहां के तोशेखाने में जेबर और जाहिरात भी बहुत क़ीमती कोमती हैं। अनेक हीरे,पन्ने,लाल और मोती ऐसे हैं जो अपने