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दुर्गेशनन्दिनी
द्वितीय भाग।

बङ्ग भाषा के प्रसिद्ध उपन्यास लेखक बाबू

बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय कृत बङ्गला

दुर्गेशनन्दिनी का भाषा अनुवाद

बाबू गदाधरसिंह कृत।

बाबू माधोप्रसाद

धर्मकूप, बनारस सिटी ने

काशी नागरी प्रचारिणी सभा से अधिकार

लेकर छपवाया और प्रकाश किया।


बी०एल्० पावगी द्वारा हितचिन्तक प्रेस,

रामधाट, बनारस सिटी में मुद्रित।

चौथीबार १०००) १९१८