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'पैग़म्बर के वंशज'


हैं। जब तक ये भयानक सिद्धान्त प्रचलित रहेंगे तब तक मानवीय दुःख दृढ़ता के साथ बने ही रहेंगे। इस विश्वव्यापिनी विपत्ति का उपाय भारतवर्ष के हाथ में है, क्योंकि यही साम्राज्यवाद के भवन की कुञ्जी है। भारत स्वतन्त्र हुआ कि यह सारी इमारत ढही। स्वतन्त्र भारत एशिया की स्वतंत्रता और विश्व-शान्ति की सर्वोत्तम गारंटी है।............"

ब्रिटिश शासन के प्रति हिन्दू राजनीतिज्ञों का भाव इससे किस बात में