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दुखी भारत


कुछ चमत्कार दिखाना चाहती थी। अपने इस क्रोधपूर्ण खेल में वे केवल एक दूसरे से बाजी मारना चाहते थे। अमरीका में मानव-जीवन के सर्वथा यन्त्रमय हो जाने के कारण लोगों में आश्चर्यजनक घटनाओं और सनसनी उत्पन्न करनेवाले कामों में अधिक अभिरुचि है। और इसी कारण वहाँ भड़कीले पत्रों और केवल धन बटोरनेवाली मदर इंडिया जैसी पुस्तकों का अधिक प्रचार है। अमरीका के जन-समूहों को ऐसी मारकाट में बड़ा मज़ा आता है। केवल आनन्द के लिए ही उन्हें गोरा बनाम काला शीर्षक देने में सङ्कोच नहीं होता।

सेंट लुइस से डाक-पत्र लिखनेवाले ने अपनी आँखो-देखी कठोर कथा लिखते हुए एक स्थान पर निम्नलिखित वर्णन दिया है:-

"एक हबशी, जिसका सिर एक बड़ा पत्थर आ गिरने से खुल गया था, फोर्थ स्ट्रीट पर एक सङ्गमरमर की मूर्ति के पास घसीट कर ले जाया गया। उसके गले में एक छोटी सी रस्सी बांध दी गई। रस्सी निर्बल थी। इसलिए उस पर कुछ हास्य-पूर्ण टीका-टिप्पणी हुई। फिर उसे तार के खम्भे के ऊपर तार जाने के जो पतले लेाहे के उपड़े से लगे रहते हैं उन पर रस्सी फेंककर खींचा गया। कमजोर रस्सी होने के कारण इसका परिणाम क्या होगा यह सबको मालूम था। और सब उस दृश्य की परीक्षा कर रहे थे। रस्सी टूट गई। हबशी लड़खड़ाता हुअा अपने घुटनों के बल नीचे आ गिरा। और जो उसे खींच रहे थे उनमें से एक मनुष्य भी झटके से दूर जा पड़ा।

"एक बुड्ढा आदमी, जो ट्राम-गाड़ी चलानेवालों के समान टोपी दिये हुए था पर उसके पास कोई और बिल्ला नहीं था, इस कृति का प्रतिवाद करने के लिए अपने घर से बाहर निकला। उसने चिल्लाकर कहा-'उस मनुष्य को इस सड़क पर मत लटकाओ। यह दुस्साहस यहाँ मत करो।' पर लोगों ने क्रोध के साथ उसे हटा दिया और एक रस्सी, जो देखने में इस कार्य के लिए यथेष्ट बढ़ थी, लाई गई।

"ठीक इसी समय मैंने उस सन्ध्या का अत्यन्त हृदयविदारक दृश्य देखा। हबशी के गले में रस्सी छोड़ने के लिए हत्यारों में से एक ने उसकी पत्थर की चोट से खुली खोपड़ी में अपनी उँगली अटका कर उसके सिर को उठाया। और इस प्रकार उसके रक्क से अपना हाथ धोया।

"तिनके का टोप लगाये और काला कोट पहने एक दूसरे मनुष्य ने रस्सी-का दूसरा छोर पकड़ते हुए कहा-'पूर्वी सेट लुइस के नाम पर इस रस्सी को