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पिण्ड और ब्रह्माण्ड। है। अच्चा तो फिर विपन का अन्तःकरण कोन है ? चन्द्र का मन फैन्सा है ? और ब्रहम की बुद्धि केली है ? मुझे बतलाइये ॥ ६ ॥ नारायण सावित केला है ? रुद्र का अहंकार क्या है ? इन सब का ठीक ठीक विचार करके मुझे बतलाइये ॥ १०॥ प्रतीति और निश्चय के आगे अनु- नान पता है जैसे सिंह के सामने कुत्ता सई को आगे झूटे को कोई केले वो मान सकता है ? ॥ ११ ॥ पर इसके लिए पारखी चाहिए। पारन्त्री के द्वारा सत्य बात मालूम होती है और परीक्षा न जानने से नंदेश में पड़ा रहना होता है ॥ १२॥ हे स्वामी, विरा, चन्द्र, ब्रह्मा, नारायण और रुद्र, इन पांचों के अन्तःकरण हमें बतलाइये ॥ १३ ॥ या प्रतीति ही प्रमाण है: शाल के अनुमान की आवश्यकता नहीं है। अषयाशास्त्रों को ही देख कर लत्य वात प्रत्यय में लाना चाहिए ॥१४॥ प्रतीति विना कोई भी कयन अच्छा नहीं लगता । वह कथन ऐला होता है जैसे कुत्ता नुहँ फैला कर रो गया हो ! ॥ १५ ॥ जहां प्रत्यय के। नालले शुन्याकार है वत्तं क्या सुना जाय, और क्या ढूंढ़ कर देखा आय ! ॥१६॥ जहां लारे अंधे ही अंधे जमा है वहां अांखवाले की क्या बन सकती है ? जहां अनुभव के नेत्र चले जाते हैं वहां अंधकार हो जाता है ॥ १७॥ जहां दूध और पानी नहीं है, चिष्टा फैला है, वहां राज- हंसों का क्या साम? वहां तो डोमकौवों का ही काम है! ॥१८॥ अपनी इच्छा से, पिंड के समान ब्रह्मांड की कल्पना तो कर ली; पर वह प्रतीति में भी तो पाना चाहिए ॥ १६॥ अतएव, यह सारा सन्देह कल्पना का ऊजड़ जंगल है। भले आदमी जंगल की टेड़ी रास्ता नहीं पकड़ते-चोर पकड़ते हैं ! ॥ २० ॥ मंत्र कल्पना-द्वारा निर्माण किये हुए हैं और देवता भी कल्पना से हुए हैं। देवता स्वतंत्र नहीं हैं; वे मंत्राधीन हैं ॥ २५ ॥ यह बात बिना बतलाये ही जान लेना चाहिए। जैसे चतुर पुरुष अंधे को, उसकी चाल पर जान लेते हैं उसी प्रकार उक्त वात विवेक से जान लेना चाहिए ॥ २२ ॥ जिसे जैसा भासता है वह चैसा ही काव्य बनाता है; पर अपनी बुद्धि से उसे जान लेना चाहिए । ॥ २३ ॥ ब्रह्मा सम्पूर्ण सृष्टि रचता है; पर ब्रह्मा को कौन रचता है ? विष्णु सारे विश्व का पालन करता है; पर विष्णु का पालनेवाला कौन है ? ॥ २४ ॥ रुद्र विश्व का संहारकर्ता है; पर रुद्र का संहारकर्ता कौन है ? काल सर्व का नियन्ता है। पर काल का शासन करनेवाला कौन है ? ये सब बातें मालुम होनी चाहिए ॥ २५ जन तक उक्त प्रकार की वातें नहीं मालूम होती तब तक सब अंधकार ही समझना चाहिए। श्रत-