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देश-निकाला
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तथापि सत्याम्रद्दी दृढ़ रहे ।उस समय का उनका वह काय आज की
बनिरवत अधिक स्तुति के योग्य है। क्योंकि उस समय आजकल्न की भाँति ऐसे उपचासों का रिचाज्ञ नहीं पड़ा था। पर फिर भी वे सत्याग्रही अटल रहे, और अन्त में उन्होने विजय प्राप्त की |
साव दिन के उपवासों के वाद उन्हे दूसरी जेल मे रखने का हुक्म आगया।