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कौम पर एक नया आरोप धारा-सभा की जिस बेठक में ( दूसरा )एशियादिक कानून
- जूर किया गया, उसीमें जनरल्न स्मट्स ने एक और भी मसविदा
एश किया। उसका नाम था, 'इमिग्रण्ट्स् रिस्टिक्शन एक्ट? अर्थात् 'शवीन बस्ती का नियम्तन करने वाला कानून | यह कानून यों तो
सबको एकसा ही ज्ञागू होता था, पर उसका मुख्य उद्देश तो
यही था कि नवीन भारतीयों को वहाँ आने से रोका जाय। नेटाल में भीइसी आशय का एक कानून था। यह उसका अंनुकरण मात्र था। पर उसमें एक धारा यह भी थी कि प्रतित्रद्ध बरती की व्याख्या मेउनका भी समावेश हो जाय, ज्िन पर एशियाटिक कानून अमल करता हो । 'रथात्् यह कानून इस युक्ति'से बनाया गया था कि अप्रत्यक्ष रूप सेउसके अनुसार एक भी नवीन
भारतीय वहाँ प्रवेश न पा सफे । इसका विरोध करना तो फौस के लिए बड़ा द्वीआवश्यक था। पर कोम के सासने अब
यह महत्व पूर्ण सवाल खड़ा हो गया कि इस नवीन बात को भी सत्याप्रह के उहशों में शामित्र किया जाय या नहीं । नि.सन्देह
कौम किसीफे साथ इस विषय से वंधी हुई नहीं थी कि वह फंब किस विषय में सत्याम्रह करे |उसकी ध्मयांदा तो उसकी