(२) इतिहास अफ्रीका के भूगोक्ष पर दृष्टि डालते हुए जिन विभागो को हमने देखा उन्हें आदिम विभाग न समझे । ठेठ पुरातन काल में वहाँ किन लोगों की आबादी थी, यह ठीक-ठीक निश्चित नही हो पाया है। जब यूरोप के लोग दक्षिण अफ्रीका में आबाद हुए वध धहाँ हबशी लोग रहते थे। यह माना जावा है कि जब अमरीका में गुजामी-प्रथा का जोर-शोर था, तब वहाँसे कितने ही हबशी भाग-भागकर दक्षिण अफ्रीका में श्रा बसे थे। उनकी क्षुदी-जुदी जातियों होती हैं जैसे जुलू, स्वामी, वसूटो, येकवाना आदि । उनको भाषा में भी फर्क होता है । इन हशियों को दक्षिण अफ्रीका के आदिम निवासी कह सकते हैं। परन्तु दक्षिण अफ्रीका इतना बड़ा देश है कि बितनी आबादी अभी बशियों की कहाँ है, उसके २०३० गुने लोग खुशी से समा सकते हैं। वन से केप टाउन रेख के रास्ते कोई १,१०० मील की यात्रा करनी पड़ती है। समुद्र के रास्ते १००० मील से कम फासला नहीं है। इन चार रियासतो का क्षेत्रफल ४,४३,००० वर्गमील है। इस विशाल प्रदेश में हशियों की आबादी १९१४ ई० में कोई ५० लाख यो और गोरों की कोई १३ लाख । इबशियों
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