द्विण अफ्रीका का सत्याग्रह
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नाम का जोहास्सवर्ग का एक उपनगर है। वहाँ के गोरे ने मेरा”
भाषण सुनने के ज्षिए अपनी उत्सुकता प्रकट की ।सभा की गयी।
हास्किन अध्यक्ष थेऔर मैंने भाषण दिया | मि० ह्वास्किन ने आन्दोज़्न और मेरा परिचय देतेहुए कहा था/- द्रान्सवाल के भारतवासियों ने न्याय प्राप्ति केअन्य साधनों के निष्फ
सिद्ध होने पर 'पैसिव रैजिस्टेन्स' को अख्तियार किया है। उन्हे
मत देनेका अधिकार नहीं है । उनकी संख्या छोटी दै। वे
कमजोर हैं। उनके पास हथियार नहीं है | इसलिए उन्होंने पैसिव रेजिस्टेन्स को--जो कि कमजोरों का दृथियार है, मदर किया है।” मैं यह सुनकर चौंक पढ़ा।जो भाषण करने के लिए मेंगया था उसका स्वरूप बिल्कुज्ञ प्ञट गया | वहाँ मिस्टर
हारिह्त की दत्ीक्ों काविरोध करते हुए मैंने पेसिव रेनिस्टेन्स को 'सोजफोर्स' अर्थात् 'आात्मवत्न' का नाम दिया। इस सभा में,
मैंनेयह देखा कि पेसिव रेजिस्टेन्स शब्द के प्रयोग से भवर
गलतफहमी होने का अदेशा है। उस सभा मेंमैंने मो दत्ीएँ दी थीं उन्में उपयुक्तभेद सम्मसने के लिए जो छुछ अधिक कहने की आवश्यकता हैउसे भी जोड़कर उन दोनों शक्तियों के अंतर्गत विरोध को सममाने का प्रयत्न करूँगा । हि
में यह तो नहीं जानता कि पैसिव रेजिस्टेन्स इन दो शब्तों का अंग्रजीभाषा मेंपहले पहल प्रयोग किसले और कब किया ।
पर अंग्रेजीराष्ट्र मेंजबकिसी छोटे समाज को कोई कानूत
पसंद न होता था तब वह उस कानूल के खिलाफ़ बलवा करने के बदले उसका स्त्रीकार दी नहीं करता और इस कार्यके लिए उसे
जो-जो सजायें क्षेती उन्हें सह लेता था । अंग्रेडी में इसीकों: पेसिव रेजिस्टेन्स अर्थात् 'सौम्य प्रतिकार! कद्दा है । कुछ वर्ष
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पहले जब अंग्रेजी धारासभा ने शिक्ता कानून पास किया था उस