पृष्ठ:तुलसी की जीवन-भूमि.pdf/९३

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तुलसी की जीवन-भूमि (वंश-वृक्ष) ८-मुन्नीलाल I ७-विश्राम ६-भैरोंदीन ५-हनुमानदीन ४-पंचमराम ३-ऊधो-माधो-केशव 1 २.-शिवाराम-मदारीराम मानपतराम। कहने का तात्पर्य यह कि राजापुर के इस प्रमाण के अनुसार तुलसीदास के समय से सं० १९९९ वि० तक कुल इस कुटुंब की ८ पीढ़ियां चीतीं। किंतु क्या है यह विश्वसनीय भी ? आश्चर्य ही नहीं अचंभे की बात है कि डा० माताप्रसाद गुप्त सा हिसावी डाक्टर इसकी अवहेलना करता है। कह लें, इस पर कुछ ध्यान ही नहीं देता और उलटे लिख बैठता है- यहाँ पर जो उपाध्याय कुल है वह निस्सन्देह गणपति उपाध्याय का वंशज है, यह उन फरमान पट्टों आदि से भली-भाँति प्रकट है जो इन लोगों के पास सुरक्षित हैं। और इस कुल का संबंध तुलसीदास जी से रहा है, यह न केवल तुलसीदास के मंदिर, उनकी मूर्ति, तथा उनकी तथाकथित हस्तलिखित 'रामचरितमानस' की प्रति के उक वंश के अधिकार में होने से ज्ञात होता है, वरन् एक पट्टे से भी ज्ञात होता