तक सब इतने थक गये कि बड़ी मुशकिल से कुआ पकड़ा। जो कंजर सब ने पहले कुए पर पहुंचा उसने भीतर झांख के देखा तो उसमें ज़रा भी पानी नज़र न आया। कूआ सूखा था! अब ये लोग निहायत ना-उम्मेद हुए, क्योंकि जानते थे कि कई कोसों तक उसके बाद कोई कुआ नहीं है। प्यास के मारे जान निकली जाती थी और एक कदम चल नहीं सकते थे। तोते को इस वक्त बहुत फ़िक्र और अंदेशा हुआ, लेकिन उसने देखा कि दोनों कौए एक ताड़ के पेड़ पर बैठे हुए हैं, वह उनके पास उड़ गया और उनसे बोला कि "तुम चारों तरफ़ उड़ कर देखो कि कहीं पानी का ठिकाना है या नहीं, नहीं तो राजा की लड़की ज़रूर प्यास से मर जावेगी"। कौए सब तरफ़ देख आये पर पानी कहीं नज़र न पड़ा, लेकिन उन्होंने कहा कि "एक जगह पर जो यहां से दूर नहीं है कई तरबूज़ पड़े हुए हमने देखे हैं"। तोते ने राजा की लड़की से जो एक पेड़ के नीचे अकेली लेटी हुई थी कहा कि उठ के कौओं के पीछे पीछे जावे। कौए उसे जहां तरबूज थे वहां ले गये। कंजर उस वक्त निहायत थक गये थे और अपनी मुसीबत में ऐसे मर रहे थे कि किसी ने ध्यान न दिया कि लड़की कहां जाती है और न किसी ने उसे जाने से
रोका। वह बड़ी मुशकिलों से उस गरम रेत में पैदल तरबूजों तक पहुंची, और पहुंचते ही पहला ही तरबूज़ जो उसके हाथ लगा फाड़ डाला और उसका ठंडा और मीठा रस पीकर प्यास बुझाई और कुछ अपनी तीनों चिड़ियाओं को भी पिलाया। बाद इसके जब उसे ताज़गी और ताक़त आ गई, दो तरबूज़ और तोड़े और उन्हें लेकर फुर्ती के साथ कुए पर लौट आई। बुढ़िया कंजरी तरबूज़ों की सूरत देख कर ऐसी
खुश हुई कि राजा की लड़की को उसने ज़ोर से छाती से
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तिलिस्माती मुँदरी