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तिलिस्माती मुँदरी


से आदमी उस बन में मिले, लेकिन जब कोई आता दिखाई देता नीचे वाला कौआ अपनी बोली में कह कर लड़की को ख़बरदार कर देता और जब तक वह आदमी निकल नहीं जाता लड़की किसी झाड़ो या पेड़ या पत्तों की आड़ में छिप रहती; और उन चिड़ियों पर कोई ध्यान नहीं देता था।

इस तरह वह बराबर चले गये जब तक कि राजा की लड़की थकी नहीं। पर अब वह थक भी गई और उसे भूख भी लगी; तोते ने तब ऊपर वाले कौए को बुला कर पूछा कि कहीं उसे पानी का निशान भी दिखाई दिया कि नहीं। कौए ने कहा कि एक छोटा सा झरना दाहिनी तरफ़ को थोड़ी दूर पर एक चट्टान से गिर रहा है। फिर तोते ने कौओं को हुक्म दिया कि राजा की लड़की के वास्ते बन में से अच्छे २ फल चुन कर झरने पर लावे और राजा की लड़की का, हालांकि वह थकी हुई थी, अपने साथ झरने की तरफ़ ले चला। उन्हें थोड़े ही देर में पानी के गिरने की आवाज़ सुनाई दी वह, उसी तरफ को चले जिधर से वह आवाज़ आती थी और एक पत्थर की चट्टान के पास पहुंचे जिसमें से पानी की एक छोटी सी धारा एक बड़े गहरे और पथरीले खडु में गिर रही थी। राजा की लड़की ने खूब जी भर के पानी पिया और तोते ने भी पिया। तोता पानी पीकर घास पर, बैठ कौओं की राह देखने लगा। कौए भी जल्द आ पहुंचे। जितने उनसे चल सके, अंजीर और अंगूर साथ लाये। यह फल जब राजा की लड़की और तोते ने सब खा लिये, कौए बड़ी आसानी से पास ही से और ले आये। यों उन सभी ने मिलकर खूब अच्छी तरह खाना खाया। यह जगह ऐसी सुंदर और अलहदा थी कि उन्होंने वहां दूसरे रोज़ तक ठहरने का इरादा कर लिया। चिड़ियां राजा की लड़की के