कहा था। निश्चित समय पर त्रिलोचन वहा पहुच गया। डेढ घण्टा इन्तजार करता रहा, लेकिन वह न माई। दूसरे रोज उसे मालूम हुमा कि वह अपने एक पुराने मित्र के साथ जिसने नई-नई माटर खरीदी थी, देवलाली चली गई थी और अनिश्चित समय तक वही रहेगी। बिलावन पर क्या गुजरी, यह एक बडी लम्बी कहानी है। मार इसका यह है कि उसने जी डा कर लिया और उसको भूल गया । इतन में उसकी मुलाकात कृपाल कौर स हो गई और वह उसस प्रेम करने लगा, और कुछ ही समय म उसन अनुभव किया कि मोजेल बहुत वाहियात लड़की थी, जिसके दिल के साथ पत्थर लग हुए थे, जो चिडे के समान एक जगह से दूमरी जगह फुदरता रहता था। उसे इस बात स वडा सतोप हुआ कि वह मोजेल स शादी परन की गलती न कर बैठा । लेकिन इसपर भी कभी कभी मोजेल की याद एक चुटकी की तरह उसके दित को पकड लेती थी और फिर छोड कर कुदकडे लाती गायव हो जाती थी, वह वेगरम थी वेलिहाज थी। उस क्सिीको भावनामा का सयाल नहीं था, फिर भी वह श्रिलोचन का पसद थी। इसलिए वह कभी कभी उसके बारे में सोचने पर मजबूर हो जाता था कि वह देवलाली म इतन दिना से क्या कर रही है ? उसी आदमी के साथ है जिसन नई- नई कार सरीदी थी या उस छोडकर किसी दूसरे के पास चली गई है ? उसको इस विचार म दुर होता था कि वह उसके बजाय किसी दूसरे के पाम थी, यद्यपि उसको मोजेल की प्रकृति का पूरा पूरा ज्ञान था। वह उसपर सैकडो नही, हजारो रुपय सच कर चुका था। लेकिन अपनी इच्छा से, वरना मोजेत महगी नही थी। उसका बहुत सस्ती किस्म की चीजें पसाद पाती थी। एक बार मिलोचन म उस मोन के टाप्य देन का इरादा किया जो उसे बहुत पसाद थे, लेकिन उसी दुकान मे मोजेल झूठे भडकोने और बहुत सस्त पावेजो पर मर मिटी और सोन के टाप्म छोडकर विलोचन से मिनतें परने लगी कि वह उसे खरीद दे। प्रिलापन अब तक समझ मका विमोजेल किस प्रकार की सडनी है । पिस मिट्टी की बनी है। वह घण्टा उसके साप लेटी रहती थी मोजेल / 89
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