क्यादि नजर पान वाली वस्तुप्रो कोनोर पलर कुछ मद्धम पड गई थी। मसज्द जब स्कूल पहुचा तो उस साथिया से यह मालूम करके विनकुल प्रसनना नहीं हुई कि स्कूल संपत्तर साहब के देहात के कारण वद पर दिया गया है। सर लडके प्रसन थे, जिसका प्रमाण यह था कि वे अपने बस्ते एक स्थान पर रखकर स्कूल के प्रहात म ऊटपटाग खेला म व्यस्त थे । वुछ छुटटी या पता चलत ही परा यो लौट गए। कुछ अभी मा रह थे । कुछ नोटिम बोड के पास एकत्र पोर यार बार एक ही लिसावट पर रह थे। ममऊ न जब मुना पि सत्तर साहब मर गए हैं तो उम बिलकुल अपमोम ही हुमा । उमया दिल भावनामा म बिलकुन साली था। हा, उन यह जर सोचा कि पिछल यप जब उमय दादा पा दहान इही दिना हुमा था तो उनका जनाजा से जान म वडा असुविधा हुई थी। इम- निए पियारि गुम हो गई थी। वह भी जनाजे माय गया पा मोर पानिस्तान म चियती पीपड य पारण एगा पिपना था यि गुती हुई कर म गिरते गिरत यया था। य मय बातें उमपन्छी तरह याद थी। पहा जाडा, उगर पीना उप-पय कपडे लालिमामय नीनहाय जिह दान रा गपगप पच पर जात ये। नार जो बि यफ पीनी मालूम हाती थी मोर पिर याम पाकर हाय-पान पान पोर पपडे यदनन यामुगीन- या गय कुछ उग प्रच्छी तरह याद पा, प्रतएय जय उमा गय सर मार हामा गरर मुनी ता उम य मय योगी हुई यात मा मा गद और उगा गोगा पि जब मरमर गाय का जाजा उटगा तो याति जागी पोर विनामदाती मोमोजारामी शिमला शिम मापौर उरमी गाटे मारगी मिशिपिता उठेग। मग यगर गुपर अपनी का भार मुगया परम पगार उगा भारपा नाला गाnirn-In I frr उग मा निपुा मा पा उममरगा और यारी या उठार पर की मार पापग! म उन रिया दानामानिया nियाराग मारमा मागपापा। दूगरा तग पर पड़ा था। 70/ रागरगर
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