पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/५९

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दस्तक हुई । सुलताना न दरवाजा सोला तो मुस्तार भीतर दाखिल हुई। उसन सुलताना के तीन ा कपडा की पोर देखा और बोली, 'कमीज और दोपटटा तो रगा हुआ मालूम होता है, पर यह सलवार नई है बनवाई? -कब सुलताना ने उत्तर दिया, 'आज ही दर्जी लाया है यह कहत हुए उसकी नजरें मुख्तार के वाना पर पड़ी। य वुदे तुमन कहा स लिए?' ग्राज ही मगवाए है।' इसके बाद दोना को थोड़ी देर चुप रहना पला ।