पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/२६

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कि उसके यार न उससे कहा था कि तेरी टार्गे तो बिलकुल उस अग्रेज ऐक्ट्रेस की तरह हैं, जिसन 'गराको उफ 'खून-तम ना' म काम किया था। यह फिल्म उसन कई वार देखी और जब उसके यार ने कहा कि मालिन डीट्रिच इसलिए पतलून पहनती है कि उसकी टागें बहुत खूबसूरत हैं और उसने उन टागा का दो लास का बीमा करा रखा है तो उसन भी पतलून पहननी शुरू कर दी, जो उसके नितम्बो म बहुत फमकर आती थी और उसे यह भी मालूम था कि मजगाव वाली दक्षिणी छोकरी सिफ इस लिए कालेज के खूबसूरत लौण्डो को फासती है कि उसे एक खूबसूरत बच्चे की मा बनने का शौक है । उसको यह भी पता था कि वह कभी अपनी इच्छा पूरी न कर सक्गी इसलिए कि बाझ है और उस काली मद्रासिन को वाबत जो हर ममय काना मे हीरे की बूटिया पहन रहती थी, उसे यह बात अच्छी तरह मालूम थी कि उमका रग कभी गोरा नहीं होगा और वह उन दवाना पर वेकार रुपया बर्बाद कर रही है जो वह पाए दिन खरीदती रहती है। उसको उन सभी छोकरियो के अदर-बाहर का हाल मालूम था जो उसके पशे म शामिल थी। मगर उसको यह खबर न थी कि एक दिन का ता कुमारी, जिसका असली नाम इतना मुश्किल था कि वह उम्र भर याद नहीं कर सकता था उसके सामन नगी खडी हो जाएगी और उसको जिदगी क सबस बड ताज्जुब से दो चार कराएगी। सोचत सोचत उसके मुह म पान की पीक इस कदर जमा हो गई थी कि अब वह मुश्किल स छालिया के उन नहे नह रेजो को चबा सक्ता था, जो उस दाता की रीखा म से इधर उधर फिमलकर निकल जाते थे। उसके तग माथे पर पसीने की नही-नही बूदें उभर पाई थी जम मल- मल म पनीर को धीरे स दवा दिया गया हो जब-जब वह वातावे नग जिस्म को अपनी कल्पना म देखता था, उसकी मर्दानगी को धक्का सा पहुचता था। उसे महसूस होता था जैसे उसका अपमान हुआ है। एक्दम उमन अपने मन म कहा-भई, यह वेइज्जती नही है तो क्या है यानी एक छोरी नग घडग तुम्हारे सामने खड़ी हो जाती है और कहती है इसम हज ही क्या है तुम खुशिया ही तो हो खुशिया न खुशिया | 25 ।