उन वैरिस्टरा के बीच जो बातचीत हुई क्याfr उसम ज्यादातर शब्द अंग्रेजी में थे, इसलिए उस्ताद मगू सिफ ऊपर के जुमले को ही क्सिी क्दर ममम पाया और उसने सवाल किया, य लोग हि दुस्तान मे नय कानून के पान को कुरा समझते है और नहीं चाहत कि इनका वतन आजाद हो । चुनाचे इस खयाल के अमर म उमन बई वार उन दो वरि- स्टरो को हिदारत की ननरा स देखकर मन ही मन कहा 'टोडा बच्चे । जब भी वह किमीको दबी जवान म 'टाडी वच्चा पहता तो दिल म यह महस्म करके बहुत खुश होता था कि उसन इस नाम का सही जगह इस्तेमाल किया है और यह कि उसम शरीफ आदमी और टोड़ी बच्चे मका करने की योग्यता है । दम घटना के तीसर दिन वह गवनमेण्ट कालेज के तीन विद्याथिया को अपने तागे मे बठाकर मजग जा रहा था कि उसने उन तीना लडको को आपस म ये बातें करत सुना नये कानून न मेरी उम्मीदें बढा दी है। अगर साहब एसेम्बली के मम्पर हो गए तो किसी सरकारी दफ्तर में नौकरी जरूर मिल जाएगी। वसे भी बहुत सी जगह और निकनेंगी। शायद इसी गडवट में हमारे हाथ भी कुछ पा जाए । हा हा, क्यो नही। वे वेकार ग्रेजुएट जो मार मार फिर रह है, उनम कुछ ता कमी होगी।' इस बातचीत न उस्ताद मगू के दिल म नय कानन का महत्त्व और भी बता दिया और वह उसको एसी चीज समभन लगा, जो बहुत चमः कती हो । 'नया कानून । वह दिन मे इ वार सोचता 'यानी कोई नयी चीज। और हर बार उसी नजरा सामन अपन घोडे का वह नया माज आ जाता जा उसन दो वरम हुए चौधरी गुदावरश से बड़ी अच्छी तरह ठोक बजाकर खरीदा था। उस माज पर जब वह नया था, जगह जगह लोह की निकन चढी हुई की चमकती थी और जहा जहा 14/टोरा टमिह
पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/१३
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।