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पदमावत

तोरई चिचिड़ा, डेंड़सी तरी। जीर धुँगार झार सब भरी॥
परवर कुँदरू में भूँजे ठाढ़े। बहुतै घिउ महँ चुरमुर काढ़े॥
करुई काढ़ि करैला काटे। आदी मेलि तरे कै खाटे॥
रींधे ठाढ़ सेब के फारा। छौंकि साग पुनि सोंध उतारा॥

सीझीं , सब तरकारी, भा जेंवन सब ऊँच।
दहुँ का रुचि साह कह, केहि पर दिस्टि पहुँच॥ ८ ॥

 

घिउ कराह भरि, बेगर धरा। भाँति भाँति के पाकहिं बरा॥
एक त आदी मरिच सौं पीठा। दूसर दूध खाँड़ सौं मीठा॥
भई मुँगौछी मरिचैं परी। कीन्ह मुँगरी औ बहु बरी॥
भई मेथौरी, सिरका परा। सोंठि नाइ कै खरसा धरा॥
माठा महि महियाउर नावा। भीज बरा नैनू जनु खावा॥
खंडै कीन्ह आमचुर परा। लौंग लायची सौं खड़बरा॥
कढ़ी सँवारी और फुलौरी। औ खड़वानी लाइ बरौरी॥

रिकवच कीन्हि नाइ कै, हींग मरिच औ आद।
एक खंड जौ खाई तौ, पावै सहस सवाद॥९॥

 

तहरी पाकि, लौंग औ गरी। परी चिरौंजी औ खरहरी॥
घिउ मह भूँजि पकाए पेठा। औ अमृत गरंब भरे मेटा॥
चुंबक लोहँड़ा औटा खोवा। भा हलुवा घिउ गरत निचोवा॥
सिखरन सोंध छनाई गाढ़ी। जामी दूध दही कै साढ़ी॥
दूध दही कै मुरडा बाँधे। और सँधाने अनबन साधे॥
भइ जो मिठाई कही न जाई। मुख मेलत खन जाइ बिलाई॥
मोतीचूर, छाल औ ठोरी। माठ, पिराकैं और बुँदौरी॥

फेरी पापर भूँजे, भा अनेक परकार।
भइ जाउरि पछियाउरि, सीझी सब जेवनार॥ १० ॥

 

डेंड़सी = कुम्हड़े की तरह की एक तरकारी, टिंड (टिंडिस)। तरी = तली। धुँगार = छौंक। चूरमुर = कुरकुरे। करुई काढ़ि = कड़ुवापन निकालकर (नमक हल्दी के साथ मलकर)। कै खाटे = खट्टे करके। फारा = फाल, टुकड़े। (९) बेगर = उर्दू या मूंग का रवादार आटा, धुवाँस। बरा = बड़ा। पीठा = पीसा गया। मुगौंछी = मूंग का एक पकवान। मुँगौरी = मूंग की पकौड़ी। मेथौरी = एक प्रकार की बड़ी। खरसा = एक पकवान। महियाउर = मट्ठे में पका चावल। नैनू = नवनीत, मक्खन। बरी = बड़ी। रिकवच = अरुई या कच्चू के पत्ते पीठी में लपेटकर बनाए हुए बड़े। आद = अदरक। (१०) तहरी = बड़ी और हरी मटर के दानों की खिचड़ी। खरहरी = खरिक, छुहारा। गुरब = शीरे में रखे हुए आम। मेटा = मिट्टी के बरतन, मटके। लोहँड़ा = लोहे का तसला। मुरडा = पानी निथारकर पिंडाकार बँधा दही या छेना। सँधाने = आचार। छाल = एक मिठाई। ठोरी = ठोर। पिराकैं = गोझिया। बुँदौरी = बुंदिया। पछियाउर = मट्ठे में भिगोई बुंदिया। सीझी = सिद्ध हुई, पकी।