पृष्ठ:जाति क्यों नहीं जाती.pdf/८०

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जाति, वर्ग और संपत्ति के संबंध / 81 एक ही प्रक्रिया - साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष, राष्ट्रीय एकता की विकसित होती हुई भावना, जाति प्रथाविरोधी आंदोलन तथा विद्रोह - ये सभी जिस एक ही प्रक्रिया के विभिन्न अंग थे उसे भारत द्वारा आधुनिक राष्ट्र का रूप ग्रहण करने की प्रक्रिया कहा जाता है। इस आधुनिक राष्ट्र की उदीयमान राजनैतिक व्यवस्था में, इसके सभी तबके समानता और बराबरी के स्तर की मांग कर रहे थे। यह एक क्रमिक और धीमी प्रक्रिया थी; शुरुआत में विभिन्न जातियां और उपजातियां अपनी आकांक्षाओं को अलग-अलग तरीके से अभिव्यक्त कर रही थीं। कुछ ने साम्राज्यवादी शासन के विरुद्ध सीधे संघर्ष से शुरुआत की तो कुछ दूसरों में हिंदू समाज में अपने नाबराबरी के स्तर की चेतना पैदा हुई और उन्होंने जातिगत असमानता के विरुद्ध संघर्ष शुरू किया। आगे चलकर, इन विभिन्न संघर्षों में से अधिकांश साम्राज्यवादविरोधी संघर्ष की बड़ी धारा में घुलमिल गये, हालांकि कुछ ने जरूर बाद तक अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाये रखा। दरअसल, यह प्रक्रिया वंश-परंपरा पर आधारित जाति प्रथावली पुरानी हिंदू प्रणाली के विघटन, या कमजोर होने की ही प्रक्रिया थी ; प्राचीन हिंदू व्यवस्था के कमजोर होने, और उसके विघटन की इस प्रक्रिया को रेखांकित करते हुए मार्क्स ने लिखा था : लगता हिंदुस्तान में, एक के बाद एक, तमाम गृहयुद्धों, आक्रमणों, क्रांतियों, विजयों, अकालों आदि का प्रभाव कितना ही जटिल, तीव्र और विनाशकारी क्यों न असलियत यही है कि इनका कोई गहरा असर नहीं पड़ा जबकि इंग्लैंड ने भारतीय समाज के ढांचे को पूरी तरह चकनाचूर कर दिया। फिलहाल, इसके पुनर्निर्माण के कोई लक्षण दिखायी नहीं पड़ रहे । नयी दुनिया के निर्माण के अभाव में उसकी पुरानी दुनिया के विनाश ने हिंदू समाज की वर्तमान बेहाली को एक खास तरह से करुण रंग दे दिया है। यही वह चीज है जो ब्रिटिश शासनाधीन भारत को, उसकी सारी की सारी प्राचीन परंपरा से, उसके सारे पुराने इतिहास से अलग करती है ।' हिंदू समाज की इस पुरानी दुनिया के टूटने का मार्क्स को कोई अफसोस न था। मार्क्स को मालूम था कि यह दुनिया, अमानवीय जाति-विभाजनों और दासता पर ही आधारित थी : हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ये छोटे-छोटे समुदाय जाति-विभाजनों और दासता की बीमारियों से ग्रस्त थे, ये मनुष्य को बाहरी परिस्थितियों का स्वामी बनाने के बजाय, उनका दास बनाकर रखते थे, और अपने द्वारा निर्मित एक