पृष्ठ:जाति क्यों नहीं जाती.pdf/३९

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40 / जाति क्यों नहीं जाती ? ने अपनी जाति के हितों स्वार्थों की रक्षा करने में अपने देश के प्रति विश्वासघात नहीं किया है ? ( 10 ) आदर्श समाज किसे कहा जा सकता है अगर आप जाति के विरूद्ध है, तो आपके विचार से आदर्श समाज किसे कहा जा सकता है ? अगर आप मुझसे पूछें तो मेरा आदर्श एक ऐसा समाज होगा, जो स्वाधीनता, समानता और भाईचारे पर आधारित हो । और ऐसा क्यों न हो ? भाईचारे के विषय में क्या आपत्ति हो सकती है? मेरे विचार से तो कोई आपत्ति नहीं हो सकती। आदर्श समाज गतिशील होना चाहिए। उसमें ऐसी भरपूर सरणियां होनी चाहियें कि वह समाज के एक हिस्से में हुए परिवर्तन की सूचना अन्य हिस्सों को दे दें । आदर्श समाज में अनेक प्रकार के हित होने चाहिए, जिन पर लोग सोच- समझकर विचार-विमर्श करें और उनके बारे में एक दूसरे को बताएं और सब उसमें हिस्सा लें। समाज में विभिन्न लोगों के बीच सम्पर्क के ऐसे बहुविध और निर्विवाद बिंदु होने चाहिएं, जहां साहचर्य या संगठन के अन्य रूपों से भी संवाद हो सके। दूसरे शब्दों में, समाज के भीतर सम्पर्क का सर्वत्र प्रसार होना चाहिए। इसी को भाईचारा कहा जाता है और यह प्रजातंत्र का दूसरा नाम है । प्रजातंत्र, सरकार का एक स्वरूप मात्र नहीं है। यह वस्तुतः साहचर्य की स्थिति में रहने का एक तरीका है, जिसमें सार्वजनिक अनुभव का समवेत रूप से संप्रेषण होता है। प्रजातंत्र का मूल है, अपने साथियों के प्रति आदर और मान की भावना | क्या स्वाधीनता पर किसी को भी कोई आपत्ति हो सकती है? अगर स्वाधीनता का अर्थ निर्बाध रूप से कहीं भी आने-जाने का अधिकार है, या जीवित रहने तथा शरीर की रक्षा का अधिकार है, तो इसमें कुछ लोगों को ही आपत्ति होगी। अगर स्वाधीनता का अर्थ अपने शरीर को पूर्णतः स्वस्थ रखने के लिए जीविका-उपार्जन के लिए संपत्ति, उपकरणों और सामग्री पर अधिकार है, तो इस पर भी कोई आपत्ति नहीं है। स्वाधीनता को वह लाभ क्यों न दिया जाए, जो किसी व्यक्ति की शक्तियों के प्रभावपूर्ण और सक्षम उपयोग से प्राप्त हो सकता है। जातिप्रथा के जो समर्थक जीवन, शरीर और संपत्ति के अधिकार को ही स्वाधीनता मानते हैं, वे स्वाधीनता के इस स्वरूप को एकदम स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि इसमें अपनी जीविका को स्वयं चुनने का अधिकार निहित है, किंतु इस स्वाधीनता पर आपत्ति करने का अर्थ है, दासता को शाश्वत बनाना, क्योंकि दासता का अर्थ केवल कानूनी अधीनीकरण या परतंत्रता नहीं है।