पृष्ठ:जाति क्यों नहीं जाती.pdf/३८

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जातिप्रथा उन्मूलन / 39 विरुद्ध कुछ कहने का साहस करता है, तो उसे जाति बहिष्कृत करने के जघन्य अपराध को कानून में दंडनीय अपराध क्यों नहीं बनाया जाता। लेकिन आजकल जो स्थिति है, उसके अनुसार कानून ने भी हर जाति को इस बात का पूरा अधिकार दे रखा है कि वह अपने सदस्यों के लिए नियम बनाए, उन्हें उनके अनुसार चलाए और विरोधियों को जाति- बहिष्कृत करके दंडित करे । इस प्रकार रूढ़िवादियों ने सुधारकों को उत्पीड़ित करने और सुधारों को समाप्त करने के लिए जाति को सशक्त माध्यम के रूप में अपनाया है। (9) जाति प्रथा ने जन चेतना को नष्ट कर दिया है हिन्दुओं की नीति और आचार पर जातिप्रथा का प्रभाव अत्यधिक शोचनीय है। जातिप्रथा ने जन चेतना को नष्ट कर दिया है। उसने सार्वजनिक धर्मार्थ की भावना को भी नष्ट कर दिया है। जातिप्रथा के कारण किसी भी विषय पर सार्वजनिक सहमति का होना असंभव हो गया है। हिन्दुओं के लिए उनकी जाति ही जनता है। उनका उत्तरदायित्व अपनी जाति तक सीमित है। उनकी निष्ठा अपनी जाति तक ही सीमित है । गुणों का आधार भी जाति ही है और नैतिकता का आधार भी जाति ही है। सही व्यक्ति के प्रति (अगर वह उनकी अपनी जाति का नहीं है ) उनकी सहानुभूति नहीं होती। गुणों की कोई सराहना नहीं है, जरूरतमंद के लिए सहायता नहीं है। दुखियों की पुकार का कोई जवाब नहीं है। अगर सहायता दें तो वह केवल जाति मात्र तक सीमित है। सहानुभूति है, लेकिन अन्य जातियों के लोगों के लिए नहीं । क्या हिन्दू किसी भी महान् और अच्छे व्यक्ति के नेतृत्व को स्वीकार कर सकते हैं और उसका अनुसरण कर सकते हैं? यदि कोई महात्मा हो तो उसकी बात अलग है, लेकिन सामान्य उत्तर यही है कि वह किसी नेता का अनुसरण तभी करेगा, जब वह उसकी जाति का हो । ब्राह्मण, ब्राह्मण नेता को ही मानेगा, कायस्थ, कायस्थ नेता का ही अनुसरण करेगा, आदि आदि । हिन्दुओं में इस बात की क्षमता ही नहीं है कि वे अपनी जाति से भिन्न अन्य जाति के व्यक्ति के गुणों का सही मूल्यांकन कर सकें । गुणों की सराहना तभी होती है, जब वह व्यक्ति अपनी जाति का हो । उनकी पूर्ण नैतिकता उतनी ही निम्न कोटि की है, जितनी जंगली जातियों की होती है। आदमी कैसा भी हो, सही या गलत, अच्छा या बुरा, बस अपनी जाति का होना चाहिए। न उन्हें गुणों की प्रशंसा से मतलब है, न बुराई के विरोध से । उनके लिए मुद्दा सिर्फ इतना है कि अपनी जाति का पक्ष लें या नहीं। क्या हिन्दुओं