पृष्ठ:जाति क्यों नहीं जाती.pdf/२३

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24 / जाति क्यों नहीं जाती ? चलने नहीं देंगे। ऐसी स्थिति में हिम्मत करके किसी ने मुझे मौका दिया तो मैं बड़ी खुशी के साथ अपनी क्षमता के अनुसार अपने विचार उनके सामने रखूँगा। खैर, दुनिया के तमाम देशों का इतिहास एक-दूसरे से तुलना करके देखने पर, यह निश्चित रूप से दिखाई देगा कि हिंदुस्तान के अज्ञानी, अनपढ़, भोले-भाले शूद्र किसानों की स्थिति अन्य देशों के किसानों से बदतर है। पशु से भी बुरी स्थिति में पहुँची है। प्रस्तावना गुलामगीरी जब से इस सैकड़ों साल से आज तक शूद्रादि-अतिशूद्र (अछूत) समाज, देश में ब्राह्मणों की सत्ता कायम हुई तब से लगातार जुल्म और शोषण के शिकार हैं। ये लोग हर तरह की यातनाओं और कठिनाइयों में अपने दिन गुजार रहे हैं। इसलिए इन लोगों को इन बातों की ओर ध्यान देना चाहिए और गंभीरता से सोचना चाहिए। ये लोग अपने-आपको ब्राह्मण पंडा-पुरोहितों की जुल्म-ज्यादतियों से कैसे मुक्त कर सकते हैं, यही आज हमारे लिए सबसे महत्त्वपूर्ण सवाल है । यही इस ग्रंथ का उद्देश्य है। यह कहा जाता है कि इस देश में ब्राह्मण पुरोहितों की सत्ता कायम हुए लगभग तीन हजार साल से भी ज्यादा समय बीत गया होगा। वे लोग परदेश से यहाँ आए। उन्होंने इस देश के मूल निवासियों पर बर्बर हमले करके इन लोगों को अपने घर - बार से, जमीन-जायदाद से वंचित करके अपना गुलाम (दास) बना लिया । उन्होंने इनके साथ बड़ी अमानवीयता का रवैया अपनाया था। सैकड़ों साल बीत जाने के बाद भी इन लोगों में बीती घटनाओं की विस्मृतियाँ ताजी होती देखकर कि ब्राह्मणों ने यहाँ के मूल निवासियों को घर-बार, जमीन-जायदाद से बेदखल कर इन्हें अपना गुलाम बनाया है, इस बात के प्रमाणों को ब्राह्मण- पंडा- पुरोहितों ने तहस-नहस कर दिया। दफनाकर नष्ट कर दिया। । उन ब्राह्मणों ने अपना प्रभाव, अपना वर्चस्व इन लोगों के दिलो-दिमाग पर कायम रखने के लिए, ताकि उनकी स्वार्थपूर्ति होती रहे, कई तरह के हथकंडे अपनाए और वे सभी इसमें कामयाब भी होते रहे। चूँकि उस समय ये लोग सत्ता की दृष्टि से पहले ही पराधीन हुए थे और बाद में ब्राह्मण-पंडा-पुरोहितों ने उन्हें ज्ञानहीन - बुद्धिहीन बना दिया था, जिसका परिणाम यह हुआ कि ब्राह्मण-पंडा- पुरोहितों के दाँव-पेंच, उनकी जालसाजी इनमें से किसी के भी ध्यान में नहीं आ