पृष्ठ:जाति क्यों नहीं जाती.pdf/११

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12 / जाति क्यों नहीं जाती ? में जातिभेद कहाँ से होगा ? यशवंतराव : मानव प्राणियों में मूल में जातिभेद नहीं है, इसके बारे में आप यदि अच्छी तरह विश्लेषण कर सकें तो बहुत ही अच्छा होगा। जोतीराव : जानवर-पंछी आदि इंद्रियों में पूरी तरह एक-दूसरे से भिन्न-भिन्न हैं। उसी प्रकार दो पाँव वाले मानव प्राणी इंद्रियों में चार पाँव वाले प्राणियों से भिन्न हैं। इसीलिए आर्य ब्रह्मा ने अपनी इंद्रियों से सिर्फ ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र इस तरह के चार जातियों की (वर्णों की) उत्पत्ति की है। लेकिन मानवेतर गधे, कौए, घोड़े, बैल, कुत्ता, सूअर, चूहे, बिल्ली आदि प्राणियों में ब्राह्मण कौन है, क्या यह आप लोग मुझे बता सकते हैं ? यशवंतराव : गधे, कौए, घोड़े आदि मानवेतर प्राणियों में ब्राह्मण किसको कहें, यह सिद्ध करना एकदम असंभव है। क्योंकि आर्य ब्राह्मण ऋषि जैसे लोग भी प्राचीन काल में जाहिरा तौर पर मांसाहारी थे । इसीलिए जानवर - पंछी आदि में जातिभेद है, यह सिद्ध करना एकदम असंभव है। सिर्फ मानव प्राणियों में ब्रह्मा की इंद्रियों से चार जातियाँ (वर्ण) बनी हैं, यह बात उन्हीं के धर्मशास्त्रों में कही गई है।

जोतीराव : तो फिर जानवर - पंछी, गधे आदि सभी प्रकार के प्राणी ब्रह्मा के किस इंद्रिय से उत्पन्न हुए हैं। यशवंत: ये सारी बातें हम ब्राह्मणों के धर्मशास्त्रों के आधार पर बोल रहे हैं । जोतीराव : तुम लोगों ने स्वयं आर्य ब्राह्मणों के धर्मशास्त्रों को पढ़कर उसके बारे में सही खोज की है या नहीं ? यशवंत: नहीं, क्योंकि आर्य ब्राह्मण उन ग्रंथों को हमारी नजरों के सामने भी आने नहीं देते और यदि हमने उन धर्मग्रंथों को पढ़ने की अपनी इच्छा व्यक्त की तो वे ब्राह्मण उन ग्रंथों को हमें सुनने भी नहीं देंगे। = जोतीराव : तो केवल ब्राह्मणों के धर्मग्रंथों के बारे में तुम लोगों को निश्चित खोज- में बीन करनी चाहिए। सिर्फ उनके मुँह की गप से जातिभेद वाली मक्कारी को तुम लोग अंधों की तरह आँखें मूँद करके क्यों मानते हो? यह तुम्हारी शूद्रों की सीधी मूर्खता है । यशवंतराव : ब्राह्मण सो ब्राह्मण, शूद्र सो शूद्र - हमने कितनी भी कोशिश की तब भी लगा शूद्र ब्राह्मण नहीं हो सकेगा, उसी प्रकार ब्राह्मण शूद्र नहीं हो सकेगा। जोतीराव: क्यों, यदि आर्य ब्राह्मण लोग शूद्र नहीं हो सकते तो महामुनि ख्रिस्ता चार्य के बँगले पर ये अतिशूद्र महार, मातंग आदि लोगों की पंक्ति में बैठकर