पृष्ठ:जाति क्यों नहीं जाती.pdf/१००

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जाति, वर्ग और संपत्ति के संबंध / 101 हुआ कि यह नेतृत्व हर मोर्चे पर आगे बढ़ने के बजाय पीछे की ओर खिसकने लगा और जनता को पूंजीवादी नेताओं के पीछे लामबंद करने में अपनी मदद पहुंचाने लगा। जनता की स्वतंत्र क्रांतिकारी कतारबंदी की जो आशा आंदोलन के अगुआ ने जगायी थी, वह गायब हो गयी । वह आंदोलन जो क्रांतिकारी संघर्ष के लिए किसानों को स्वतंत्र रूप से लामबंद कर सकता था पूंजीपति वर्ग के नेतृत्व में चला गया। भूस्वामी वर्ग के हित ब्राह्मणविरोधी आंदोलन के कांग्रेस में विलय हो जाने के कारण क्या थे? इसके कारण दो थे। पहला तो यह कि किसान जनता से जुड़ा हुआ नेतृत्व देश में उठी साम्राज्यवादविरोधी लहर को महसूस कर रहा था। जब किसान जनता इस राष्ट्रीय आंदोलन में शिरकत कर रही थी तो नेताओं को राष्ट्रीय आंदोलन से अलग थलग रहने का रवैया त्यागना ही पड़ा। दूसरी वजह यह थी कि यह आंदोलन एक स्वतंत्र रास्ता तभी अख्तियार कर सकता था जब वह उन पूर्व पूंजीवादी भूसंबंधों के मूल पर चोट करता जो कि किसानों के शोषण और जातिगत असमानता के जन्मदाता हैं। कांग्रेसी बुद्धिजीवियों की ही तरह ब्राह्मणविरोधी आंदोलन के बुद्धिजीवी भी इसके लिए तैयार नहीं थे। इस मामले में जातियों का भेद गायब हो गया था। गैरब्राह्मण बुद्धिजीवी, जो कि पश्चिमी शिक्षा तथा पूंजीवादी हालात की उपज थे, ठीक उसी तरह व्यवहार करने लगे जैसे समझौतापरस्त पूंजीवादी बुद्धिजीवी करते हैं वे बिल्कुल उन्हीं की तरह हो गये। आंदोलन के महान पुरस्कर्त्ता के समझौताहीन सिद्धांतों को उन्होंने त्याग दिया और कांग्रेस में मिल गये। बाद में वे कांग्रेसी मंत्रिमंडलों में मंत्री बन गये और जनता का दमन करने लगे। उन्होंने जाति व्यवस्था को बरकरार रखा। इससे साफ है कि किसी व्यक्ति के इरादे कितने ही जातिविरोधी क्यों न हों, भूस्वामी हितों के साथ समझौता परस्ती रखने वाली उसकी पूंजीपति वर्ग-दृष्टि किसी भी बुनियादी सुधार की इजाजत नहीं देती। आजादी के बाद का हमारा अनुभव बताता है कि ये मंत्रिमंडल, जिनमें बहुसंख्यक गैरब्राह्मण बुद्धिजीवी रहे हैं और जिनमें जहां तहां अछूतों को भी मंत्रिपद पर रखा गया है, कांग्रेस की पुरानी परंपराओं पर ही चलते रहे हैं और जाति व्यवस्था के खात्मे के लिए उन्होंने शायद ही कुछ किया हो। दमन उत्पीड़न, खास तौर पर अछूतों का दमन उत्पीड़न, चाहे महाराष्ट्र हो या कोई और जगह, कतई कम नहीं हुआ है ।