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जहांगीरनामा।

१७ (पौष बदौ ३०) को बादशाह साढ़े चार कीस चलकर गांव लप्साये में और सुदी २ को सवा दोकोसकी मंजिल करके गांव कोरांमें चम्बल नदीके ऊपर उतरा। यह रमणीक स्थान भी बाद- शाहको पसन्द आगया था इसलिये तीन दिन वहां ठहरा। रोज नावों में बैठकर शिकार और जलबिहार करनेको जाया करता। २२ (पौष सुदी ६) को वहांसे प्रयाण करके साढ़े चार कोस तक शिकार खेलता गया और मुलतानपुर और चौलामोलामें , उतरा। २५ (पौष सुदौ ८) को साढ़े तीन कोस पर गांव मानपुरमें ठहरा। यहांसे मर्यादा पूर्वक एक दिन मुकाम और दूसरे दिन कूच करना निश्चय हुआ।



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