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संवत् १६७२।

हजारो जात और तेतीससौ सवारोंका होगया। घोड़ा और सिरो- पाव भी, मिला।

राजा सारंगदेव।।

अगहन सुदी ७ को दाराबखांको जड़ाज खञ्जर इनायत हुआ और राजा सारंगदेवके हाथ दक्षिणके अमीरोंको खिलअत भेजेगये।

काशमीर ।

बादशाहने सफदरखां की ऐसी कुछ बातें सुनी थीं कि जिससे उसको कशमीरको सूवेदारीसे हटाकर अहमदवेगखांको उसको जगह पर भेजा।

बङ्गाल।

बसालेको सूबेदार कासिमखां और वहांको अमीरोंके वास्ते एह- तमामखांके हाथ जड़ावलय भेजी गई।

सूत्ररका शिकार।

७ दे (पौष सुदीट) को पोहकरसे अजमेरको आते हुए बादशाह ने रास्ते में बयालीस सूअर मारे।

खुर्रमको मद्य पिलाला।

२५ (माघ बदौ ११) शुक्रवारको खुर्रमका तुलादान हुआ। बादशाह लिखता है कि २४ वर्षका हो गया है कई विवाह होगये हैं बच्चे भी जन्म गये हैं तोभी अबतक इसने कभी मद्यपान नहीं किया था। इस तुलादानको सभामें मैंने इससे कहा कि बाबा तू वेटीका बाप होगया है बादशाह और शाहजादे शराब पीते रहे हैं, 'आज तेरे तुलादानका उत्सव है मैं तुझे शराब पिलाता हूं और आज्ञा देता हूं कि उत्सवके दिन नौरोजके उत्सवों और बड़े बड़े त्योहारों में तू शराब पिया कर। परन्तु कम पौनेका ध्यान रखना । बुद्धिमानीने इतनी पौनेकी आज्ञा नहीं दी है कि जो बुद्धिको भ्रष्ट करदे। इसके पौनेसे गुण और लाभको इच्छा रखना चाहिये। बूअलीसोनान जो एक बड़ा भारी हकीम होगया है.कहाँ है.


जाड़े में पहननेकी पोशाकें।...