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जहांगीरनामा।

मोतकिदखां।

मोतकिदखांने बादशाहको भेट दी जिसमें २५ हाथी दो लाल जड़ाऊ फूल कटारे विश्वास योग्य नाजिर और बंगाली कपड़ोंके थान थे।

११ महर (आश्विन सुदी ९) को बादशाहने उसको बखशीका उच्च पद दिया उसका मनसब हजारी जात और तीनसौ सवारका नियत हुआ।

राय मनोहर।

बादशाहने खानखानांके लिखनेसे राय मनोहरका मनसब हजारी जात और आठसौ सवारोंका कर दिया।

राजा बरसिंहदेव।

राजा बरसिंह देवका मनसब भी खानखानांकी सिफारिशसे ४ हजारी जात और बाइस सौ सवारोंका होगया।

भारत बुंदेला।

रामचन्द्र बुंदेलेके मरनेसे बादशाहने उसके पोते भारतको राजाका खिताब दिया।

अमीरूलउमराकी मृत्यु।

६ आजर ३ शव्वाल (अगहन सुदी ५) को बुरहानपुरसे खबर आई कि अमीरूलउमरा २७ आवान (अगहन बदी १०।११) को परगने निहालपुरमें मर गया उसके कोई बेटा न था।

बिहार।

बादशाहने जफरखां कोकाको बिहारकी सूबेदारी दी और उसका मनसब बढ़ाकर तीन हजारी जात और दो हजार सवारका करदिया।

शिकार।

२ जीकाद ४ दे मंगल (पौष सुदी ३) को बादशाह शिकारके वास्ते आगरेसे कूच करके चार तिन तक दहराबागमें रहा।

सलीमा सुलतानकी मृत्यु।

१० (पौष सुदी ११) को सलीमा सुलतान बेगमके मर जानेकी