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जहांगीरनामा।

और स्वामिभक्त नौकर होनेसे समग्र राज्यकी दीवानीका महत् पद पाया।

गुजरात।

अबदुल्लहखां फीरोजजङ्गने गुजरातकी ओरसे दक्षिण पर जाने का बचन दिया। इसलिये बादशाहने उसको राणाकी लड़ाईसे बदलकर गुजरातका सूबेदार कर दिया और राजा बासूको पांच सौ सवार बढ़ाकर उसकी जगह राणाकी मुहिम पर भेजा।

मालवा।

खान आजमको गुजरातके बदले मालवेका सूबा दिया गया।

दक्षिण।

अबदुल्लहखांके साथ दक्षिणको एक लशकर नासिकके मार्गसे भेजना ठहरा था उसके खर्च के वास्ते चार लाख रुपये भेजे गये।

विचित्र चित्र।

एक बादशाही गुलामने जो हाथीदांतके कारखानेमें काम करता था फिन्दकके छिलके पर हाथीकी हड्डीसे कटे हुए चित्र जोडकर चार विचित्र चित्र बनाये। पहिला चित्र मन्नोंका अखाड़ा था दो मल्ल कुश्ती लड़ रहे थे। एक हाथमें बरछा लिये खड़ा था दूसरेके हाथमें एक बड़ा पत्थर था एक और जमीन पर हाथ टेके बैठा था एक लड़का एक धनुष और एक बरतन आगे रखा था।

दूसरे चित्र में एक सिंहासन बना था ऊपर शामियाना तना था। उस सिंहासन पर एक भाग्यवान पुरुष पांव पर पांव रखे बैठा था तकिया पीठसे लगा था पांच सेवक आगे पोछे खड़े थे और एक वृक्षकी शाखा उस सिंहासन पर छाया किये हुई थी।

तीसरे चित्रमें नौंका नाटक होरहा था एक लकड़ी खड़ी थी तीन रस्से उससे बंधे थे एक नट उस पर दाहिने पांवको पीठके पीछे बांयें हाथ पकड़े खड़ा था और एक बकरा भी उस लकड़ी पर था। एक आदमी गलेमें ढोल डाले बजाता था दूसरा हाथ ऊंचा किये रस्सीको तक रहा था। पांच आदमी और खड़े थे जिनमेंसे एकके हाथ में लाठी थी।