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जहांगीरनामा।

पीछा किया। कई हाथी और उसका असबाब हाथ आया। राना रातको भागकर निकल गया परन्तु शीघ्रही पकड़ा जायगा या मारा जायगा। बादशाहने प्रसन्न होकर उसका मनसब पूरा पांच हजारी कर दिया।

परवेज।

बादशाहने दस हजार रुपयेकी एक मोतियोंकी माला परवेज को दी। खानदेश और बरार तो पहिलेसे उसको दिये जाचुके थे अब आसेरका किला भी दिया गया और तीन सौ घोड़े भी मिले कि अहदियों और मनसबदारोमेंसे जिसको योग्य समझे दिये जायें।

भङ्ग गांजेका निषेध।

२२ (अगहन बदी ९) शुक्रवारको बादशाहने हुक्म दिया कि भङ्गगांजा जो झगड़ेकी जड़ हैं बाजारमें न बेचें और जुएके अड्डे भी उठा देवें।

वृश्चिक संक्रांतिका दान।

बादशाहने वृश्चिक(१) संक्रांतिके दिन एक हजार तोले सोने चान्दी और एक हजार रुपये अपने ऊपर वार कर दान किये।

दक्षिण पर सेना।

बादशाहने एक और नई फौज जिसमें १६३ मनसबदार और ४६ अहदी बरकन्दाज थे परवेजके पास दक्षिणको बिदा को और पचास घोड़े भी भेजें।

खुर्रमकी सगाई।

१५ (पौष बदी ३) रविवारको बादशाहने पचास हजार रुपये खुर्रमको सगाईको रस्मके मिरजा मुजफ्फरहुसैनके घर भेजे। उसकी लड़कीसे खुर्रमका व्याह ठहरा था। यह बहराम मिरजा का पोता और ईरानक शाह इसमाईल सफवीका पड़पोता था।


(१) यह वृश्चिक संक्रान्ति अगहन बदी १० बुधवार सं० १६६६ को १८ घड़ी ५२ पल पर लगी थी।