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चोखे चौपदे
काम टेढ़ से बने टेढ़े चला।
मान सीधे ही सके सीधे कहे॥
क्यों न हम भी आज तेवर लें चढ़ा।
है बुरे तेवर दिखाई दे रहे॥
हम बढ़ी बाते करे तो क्यों करे।
आप ही तो कर बढ़ी बातें बढ़े॥
हम चढ़ायेगे कभी तेवर नही।
क्यों न होवें आप के तेवर चढ़े॥
बेतरह अरमान मेरे मिस उठे।
साँसतें सारी उमंगों ने सहीं॥
हम रहे तो किस तरह अच्छे रहें।
आज तेवर आप के अच्छे नहीं॥
किस लिये उन पर कड़े पड़ते रहे।
हाथ बाँधे जो रहे सब दिन खड़े॥
डर हमें तिरछी निगाहों का नहीं।
देखिये अब बल न तेवर पर पड़े॥