पृष्ठ:चित्रशाला भाग 2.djvu/६१

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परिणाम ...... चौथा बोला-अरे यह भी न सही, मान लो ब्याह करने को पैसा भी पास हो गया, तो भिखारी की बिटिया से ब्याह कौन करेगा ? भिखारी की बिटिया का तो यही हो सकता है कि कोई भिखारी बैठाल ले, या कोई . वह व्यक्ति इतना ही कहने पाया था कि रामलाल ने एक घुसा उसके मुंह पर मारा। वह व्यक्ति मुँह पकड़कर रह गया । इधर सब लोग हा-हाँ करने लगे। रामलाल बोला-जबान सभानकर बात नहीं करता । मेरी बिटिया के संबंध में कोई ऐसी-वैसी बात कही, तो जान ले नेगा। यह समझ लेना। पाहत व्यक्ति बोलादिल्लगी है जान ले लेना, बदा मान लेनेवाला बना है। मांगने को भीख, गरमी इतनी ! वदा पानीदार चन कर चला है । इनकी बिटिया खातिर महारान ग्वालियर के कुँवर पायेंगे न ! तुम्हारे साथी सैकड़ों की वहन-बिटिया गली गली.. वाक्य पूर्ण होने के पूर्व ही रामलाल उछलकर उसकी छाती पर सवार हो गया। इधर सब लोग उठकर खड़े हो गए और बोले-देखो. प्राग बचाए। ऐसा न हो अलाव में गिरो, वो अभी लेने के देने पढ़ नाय । अरे भैया जाने दो, ग़म खाओ। चाहे को श्रापस में लड़ते हो। बड़ी कठिनता से सबने मिलकर दोनों को छुड़ाया। इधर रामलाल की कन्या, जो अनाव ही के पास सो गई थी, इस गड़बड़ से भाग पड़ी और अपने पिता से लड़ाई होसे देख रोने लगी। अतएवं राम.. लाल ने कन्या को रोते देख लड़ाई का अंत कर देना ही उचित समझा । पर रामलाल ने उसके मुंह पर तीन-चार घुसे ऐसे कस-कस कर लगाए कि मुँह से रक्त-स्राव होने लगा। ......