पृष्ठ:चिंतामणि दूसरा भाग.pdf/१३९

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१३२
चिन्तामणि

________________

१३२ चिन्तामणि जगत से ) किसी और ही जगत् के लोगो की परदे में दबी हुई सी वाणी आती हुई सुना करती है ।। हम समझते है कि इतने से इस प्रकार की कविता का साम्प्रदायिक रूप स्पष्ट हो गया होगा । अतः रहस्यवाद की कविता के सम्बन्ध में हिन्दीवालो के बीच यह भ्रान्ति फैलाना कि सारे योरप मे इसी प्रकार की कविता हो रही है, यही वर्तमान युग की कविता को स्वरूप है, घोर साहित्यिक अपराध है। रहस्यवाद की कविता एक छोटे से सम्प्रदाय के भीतर की वस्तु है । इंगलैड आयलैंड को ही लीजिए । मेरी स्टर्जन ( Mary C. Sturgeo1 ) ने अभी वर्तमान अँगरेजी कवियों का जो परिचय ( Studies of Contemporary Pocts ) प्रकाशित किया है उसमे बीस-बाईस कवि–जिनमे सरोजिनी नायडू भी है--विशेप विवरण के साथ लिए गए हैं। इनमे रहस्यवादी केवल दो या तीन हैं। पाश्चात्य साहित्य-क्षेत्र में रहस्यवाद किस प्रकार एक साम्प्रदायिक वस्तु समझा जाता है और उसके प्रति अधिकांश -- -- -

  • Only through a creek in the door's blind face

He would rcacli a tlucving liand, To draw some clue to lus own strange place > From the other land But luis closed liand came back emptıly, As a dream drops from him who wakes, And naught might he know but how a muffied sea In whispers breaks On either side of a gray barrier The two blind countries lie , But he knew not which lield lum prisoner, Nor yet know I