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चाँदी की डिबिया
[ अड़्क २
बार्थिविक
क्या अब भी कोई संदेह है? वह औरत अाज सवेरे अपनी थैली माँगने आई थी।
मिसेज़ बार्थिविक
यहां? इतनी बेहया है। मुझे क्यों नहीं बताया?
[ वह एक दूसरे के चेहरे की तरफ़ ताकती है, कोई उसे जवाब नहीं देता। सन्नाटा हो जाता है। ]
बार्थिविक
[ चौंककर ]
क्या करना होगा, रोपर?
रोपर
[ धीरे से जैक से ]
तुमने कुंजी तो दरवाज़े में नहीं छोड़ दी थी?
जैक
[ रुखाई से ]
हां, छोड़ तो दी थी।
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