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दृश्य २
[ बार्थिविक का भोजनालय, वही शाम है। बार्थिविक-परिवार फल और मिठाइयाँ खा रहा है। ]
मिसेज़ बार्थिविक
जाँन।
[ अख़रोटों के छिलकों के टूटने की आवाज़ आती है ]
बार्थिविक
तुम इन अखरोटों का हाल उनसे क्यों नहीं कहती खाए नहीं जाते।
[ एक गरी मुंह में रख लेता है ]
मिसेज़ बार्थिविक
यह इस चीज़ का मौसिम नहीं है। मैंने होली-रूड से कहा था।
[ बार्थिविक अपना गिलास पोर्ट से भरता है ]
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