पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 5.djvu/२१४

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छोड़ दिया!

देवीसिंह––हाँ, क्योंकि मुझे आप लोगों का भेद जानने का उतना शौक न था जितना भूतनाथ को है। मैं तो उस दिन केवल इतना ही जानने के लिए गया था कि देखें भूतनाथ कहाँ जाता है और क्या करता है। मगर मेरी तबीयत इतने ही में भर गई।

नकाबपोश––मगर भूतनाथ की तबीयत अभी नहीं भरी।

तेजसिंह––वह भी विचित्र ढंग का ऐयार है। साफ-साफ देखता है कि आप लोग उसके पक्षपाती हैं, मगर फिर भी आप लोगों का असल हाल जानने के लिए बेताब हो रहा है। यह उसकी भूल है, तथापि आशा है कि आप लोगों की तरफ से उसे किसी तरह की तकलीक न पहुँचेगी।

नकाबपोश––नहीं-नहीं, कदापि नहीं। (वीरेन्द्रसिंह की तरफ देख के और हाथ जोड़ के) हम लोगों को अपना लड़का ही समझिये और विश्वास रखिये कि आपके किसी ऐयार को हम लोगों की तरफ से किसी तरह की तकलीफ नहीं पहुँच सकती चाहे वे लोग हमें जिसी तरह का रंज पहुँचायें। वीरेन्द्रसिंह-आशा तो ऐसी ही है, और हमारे ऐयार भी बड़े ही नालायक होंगे, अगर आप लोगों को किसी तरह की तकलीफ पहुँचाने का इरादा करेंगे।

देवीसिंह––मैं कल से एक और तरद्दुद में पड़ गया हूँ।

नकाबपोश––वह क्या?

देवीसिंह––कल से मेरे लड़के तारासिंह का पता नहीं है, न मालूम वह क्यों और कहाँ चला गया।

नकाबपोश––तारासिंह के लिए आपको तरवुद न करना चाहिए, आशा है कि घण्टे भर के अन्दर ही यहाँ आ पहुँचेगा।

देवीसिंह––आपके इस कहने से तो मालूम होता है कि आपको उसका हाल भी मालूम है।

नकाबपोश––बेशक मालूम है। मगर मैं अपनी जुबान से कुछ भी न कहूँगा, आप स्वयं उससे जो कुछ पूछना होगा पूछ लेंगे। (वीरेन्द्रसिंह से) आज जिस समय हम लोग घर से यहाँ की तरफ रवाना हो रहे थे, उसी समय एक चिट्ठी कुँअर इन्द्रजीतसिंह की मुझे मिली जिसमें उन्होंने लिखा था कि तुम महाराज के पास जाकर मेरी तरफ से अर्ज करो कि महाराज भैरोंसिंह और तारासिंह को मेरे पास भेज दें, क्योंकि उनके बिना हम लोगों को कई बातों की तकलीफ हो रही है, साथ ही इसके एक चिट्ठी महाराज के नाम की भी उन्होंने भेजी है। इतना कहके नकाबपोश ने अपनी जेब में से एक बंद लिफाफा निकालकर वीरेन्द्रसिंह के हाथ में दिया।

वीरेन्द्रसिंह––(ताज्जुब के साथ लिफाफा लेकर)सीधे मेरे पास क्यों नहीं भेजा?

नकाबपोश––वे न तो खुद तिलिस्म के बाहर आ सकते हैं और न किसी को भेज सकते हैं, हम लोगों का आदमी हरदम तिलिस्म के अन्दर मौजूद रहता है और उनके हालचाल की खबर लिया करता है, इसलिए उसी मार्फत पत्र भेज सकते हैं।