पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 4.djvu/२३७

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है। मगर अफसोस, राजा गोपालसिंह ने उसकी कुछ भी कदर न की।

कामिनी-मुझे सबसे ज्यादा केवल इस बात का ध्यान रहता है कि बेचारी लक्ष्मीदेवी ने जो-जो कष्ट सहे हैं, उन सभी से बढ़कर उसके लिए यह दुःख है कि राजा गोपालसिंह ने पता लग जाने पर भी उसकी कुछ सुध न ली। सब दुःखों को तो वह सह गई मगर यह दुःख उससे सहा न जायेगा। हाय-हाय, गोपालसिंह का भी कैसा पत्थर का कलेजा है !

किशोरी-ऐसी मुसीबत कहीं मुझे सहनी पड़ती तो मैं पल भर भी इस दुनिया में न रहती। क्या जमाने से मुहब्बत एकदम जाती रही? या राजा गोपालसिंह ने लक्ष्मी- देवी में कोई ऐब देख लिया है?

कमला--राम-राम, वह बेचारी ऐसी नहीं है कि किसी ऐब को अपने पास आने दे। देखो, अपनी छोटी बहिन की लौंडी बनकर मुसीबत के दिन उसने किस ढंग से बिताए। मगर उसके पतिव्रत धर्म का नतीजा कुछ भी न निकला।

किशोरी-इस दुःख से बढ़कर दुनिया में कोई भी दुःख नहीं है। (पेड़ पर बैठे हुए एक काले कौए की तरफ इशारा करके) देखो बहिन, यह काग हमीं लोगों की तरफ मुंह करके बार-बार बोल रहा है। (जमीन पर से एक तिनका उठाकर) कहता है कि तुम्हारा कोई प्रेमी यहाँ चला आ रहा है।

कामिनी-(ताज्जुब से) यह तुम्हें कैसे मालूम हुआ ? क्या कौए की बोली तुम पहचानती हो, या इस तिनके में कुछ लिखा है, या यों ही दिल्लगी करती हो?

किशोरी–मैं दिल्लगी नहीं करती सच कहती हूँ। इसका पहचानना कोई मुश्किल बात नहीं है।

कामिनी--बहिन, मुझे भी बताओ। तुम्हें इसकी तरकीब किसने सिखाई थी?

किशोरी–-मेरी माँ ने मुझे एक श्लोक याद करा दिया था। उसका मतलब यह है कि जब काले कौए (काग) की बोली सुने तो एक बड़ा-सा साफ तिनका जमीन पर से उठा ले और अपनी उँगलियों से नाप के देखे कि कितनी अंगुल का है। जितनी अंगुल हो उसमें तेरह और मिलाकर सात-सात करके जहाँ तक उसमें से निकल सकें और जो कुछ बचे उसका हिसाब लगाये। एक बचे तो लाभ होगा, दो बचे तो नुकसान होगा, तीन बचे तो सुख मिलेगा, चार बचे तो कोई चीज मिलेगी, पाँच बचे तो किसी मित्र का दर्शन होगा, छः बचे तो कलह होगी, सात बचे या यों कहो कि कुछ भी न बचे तो समझो कि अपना या अपने किसी प्रेमी का मरना होगा। बस, इतना ही तो हिसाब है।

कामिनी--तुम तो इतना कह गई, लेकिन मेरी समझ में तो कुछ भी न आया। यह तिनका जो तुमने उँगली से नापा है, इसका हिसाब करके समझा दो, तो समझ जाऊँगी।

किशोरी--अच्छा देखो, यह तिनका जो मैंने नापा था, छह अंगुल का है। इसमें तेरह मिला दिया तो तो कितना हुआ?

कामिनी--उन्नीस हुआ।

किशोरी--अच्छा, इसमें से कितने सात निकल सकते हैं?