पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 4.djvu/१८

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भूतनाथ अब बिल्कुल आजाद हो गया। इस समय उसकी ताकत उतनी ही है जितनी आज के दस दिन पहले थी और जितने आज के दस दिन पहले उसके ताबेदार थे उतने ही आज भी हैं। पाठक जानते ही हैं कि भूतनाथ अकेला है बल्कि बहुत से आदमी उसके नौकर भी हैं जो इधर-उधर घूम-फिरकर उसका काम किया करते हैं। भूतनाथ ने जब से नकली बलभद्रसिंह से यह सुना कि 'उसकी बहुत ही प्यारी चीज मेरे कब्जे में है जिसे वह लामा घाटी में छोड़ आया था' तब से वह और भी परेशान हो गया था। वह बहुत प्यारी चीज क्या थी ? बस, वही उसकी स्त्री जिसके पेट से नानक पैदा हुआ था और जिसे उसने नागर की मेहरबानी से पुनः पा लिया था। वास्तव में भूतनाथ अपनी प्यारी स्त्री को लामाघाटी में ही छोड़ आया था।

भूतनाथ इस समय जमानिया जाने के बदले लामाघाटी ही की तरफ रवाना हुआ और तीसरे दिन संध्या के समय उस घाटी में जा पहुँचा जिसे वह अपना घर समझता था।

यहाँ पर हम पाठकों के दिल में लामाघाटी की तस्वीर खींचकर भूतनाथ की ताकत और उसके स्वभाव या खयाल का कुछ अन्दाज करा देना मुनासिब समझते हैं। लामाघाटी में किसी अनजान आदमी का जाना बहुत कठिन ही नहीं बल्कि असम्भव था। ध्यानशक्ति की सहायता से यदि आप वहाँ जायें तो सबके पहले एक छोटी-सी पहाड़ी मिलेगी जिस पर चढ़ने के एक बारीक पगडण्डी दिखाई देगी। जब उस पगडण्डी की राह से पहाड़ी के ऊपर चढ़ जायेंगे तो तीन तरफ मैदान और पश्चिम तरफ केवल आधा कोस की दूरी पर एक बहुत ऊँचा पहाड़ मिलेगा। उसके पास जाने पर मालूम होगा कि ऊपर चढ़ने के लिए कोई रास्ता या पगडण्डी नहीं है और न पहाड़ के दूसरी तरफ जाने का ही मौका है। परन्तु खोजने की कोई आवश्यकता नहीं, आप उस पहाड़ी के नीचे पहुंचकर दाहिनी तरफ घूम जाइये और जब तक एक छोटा-सा झरना आपको न मिले बराबर चले ही जाइये। वह दो-तीन हाथ चौड़ा झरना आपका रास्ता काट के बहता होगा, उसे लांघने की कोई आवश्यकता नहीं। आप बाईं तरफ आँख उठाकर देखेंगे तो बीस-पच्चीस हाथ की ऊंचाई पर एक छोटी-सी गुफा दिखाई देगी, आप बेधड़क उस गुफा में चले जाइये जिसके अन्दर बिल्कुल अँधेरा होगा और बनिस्बत बाहर के अन्दर गर्मी कुछ ज्यादा होगी। कोस भर तक बराबर उस गुफा के अन्दर-ही-अन्दर चलने के बाद जब आप बाहर निकलेंगे तो एक हरा-भरा छोटा-सा मैदान नजर आएगा। वह मैदान छोटे-छोटे जंगली फलों और लताओं से ऐसा भरा होगा कि दूर से देखने वालों को तो आनन्द मगर उसके अन्दर जाने वाले के लिए आफत समझिये। उसमें जाने वाला तीस-चालीस कदम मुश्किल से जाने के बाद इस तरह फंस जायगा कि निकलना कठिन होगा। उस मैदान के किनारे- किनारे दाहिनी तरफ और फिर बाईं तरफ घूम जाना होगा और जब आप बाहर पश्चिम


1. 'लामा घाटी' एक पहाड़ी स्थान का नाम है।