पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 2.djvu/८७

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गुण हैं जो खंजर में हैं मगर फर्क इतना है कि बनिस्बत खंजर के इस नेजे में बिजली का असर बहुत ज्यादे है।

उस नेजे के चार टुकड़े थे जो पेंच पर चढ़ा कर एक कर दिये जाते थे। कमलिनी ने इन चारों टुकड़ों को एक कर दिया और अब वह पूरा नेजा हो गया।

भूतनाथ––इसमें कोई सन्देह नहीं कि आपने हम लोगों को अद्भुत और अनमोल चीज दी, इसकी बदौलत हम लोगों के हाथ से बड़े-बड़े काम निकलेंगे।

इसके बाद कमलिनी ने वह कपड़े की गठरी खोली। इसमें स्याह रंग की एक साड़ी, एक चोली और एक बोतल थी। कमलिनी उठ कर समाधि के पीछे गई और गीले कपड़े उतार कर वही काली साड़ी और चोली पहिन कर अपने ठिकाने आ बैठी। वह साड़ी और चोली रेशमी थी और उसमें एक प्रकार का रोगन चढ़ा हुआ था जिसके सबब उस कपड़े पर पानी का असर नहीं होता था। कमलिनी ने वह गीली साड़ी और चोली तारा के सामने रख दी और बोली, "इसे तू पेड़ पर डाल दे जिसमें झटपट सूख जाय, इसके बाद तू कमलिनी बन जा अर्थात् मेरी तरह अपनी सूरत बना ले और इसी साड़ी और चोली को पहिन कर मेरे घर अर्थात् उस तालाब वाले मकान में जाकर बैठ जिसमें नौकरों को मेरे गायब होने का हाल मालूम न हो, वे यही समझें कि तारा कहीं गई हुई है!

तारा––बहुत अच्छा, मगर आप कहाँ जायँगी?

कमलिनी––मेरा कोई ठिकाना नहीं, मुझे बहुत काम करना है। (भूतनाथ और नानक की तरफ देखकर) आप लोग भी जाइये और जहाँ तक हो सके, राजा वीरेन्द्रसिंह की भलाई का उद्योग कीजिये।

नानकप्रसाद––बहुत अच्छा। (हाथ जोड़ कर) मेरी बात का जवाब दीजिए तो बड़ी कृपा होगी।

कमलिनी––वह क्या?

नानकप्रसाद––इस प्रकार का खंजर उन लोगों के पास भी है या नहीं?

कमलिनी––(हँस कर) क्या उन लोगों के पास पुनः जाने की इच्छा है? अपनी रामभोली को देखा चाहता है?

नानकप्रसाद––हाँ, यदि मौका मिलेगा तो।

कमलिनी––अच्छा जा, कोई हर्ज नहीं, इस प्रकार की कोई वस्तु उन लोगों के पास नहीं है और न इसका पता ही उन्हें मिल सकता है। मगर जो कुछ करना, होशियारी के साथ।

इसके बाद कमलिनी ने वह बोतल खोली जो कपड़े की गठरी में थी। उसमें किसी प्रकार का अर्क था। समाधि के पीछे जाकर कमलिनी ने वह अर्क अपने तमाम बदन में लगाया जिससे बात की बात में उसका रंगं बहुत ही काला हो गया, तब वह फिर तारा पास आई और उससे दो लम्बे बनावटी दाँत लेकर अपने मुँह में लगाने के बाद नेजा हाथ में लेकर खड़ी हो गई।

तारा ने भी अपनी सूरत बदली और कमलिनी बन कर तैयार हो गई। इस