पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 1.djvu/८९

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कुछ मालूम न हुआ, लाचार घोड़े पर सवार हो सोचने लगी कि किधर जाऊँ, क्या करूँ।

हम पहले लिख आये हैं कि रथ पर जाते-जाते जव किशोरी ने जान लिया कि वह धोखे में डाली गयी है तब उसके मुंह से कई शब्द ऐसे निकले जिन्हें सुन नकली कमला होशियार हो गयी और रथ के नीचे कूद एक घोड़े पर सवार हो पीछे की तरफ लौट गयी।

लौटी हुई नकली कमला ठीक उसी समय घोड़ा दौड़ाती हुई उस चौराहे पर पहुँची जिस समय असली कमला वहाँ पहुँचकर सोच रही थी कि किधर जाऊं क्या करूँ? असली कमला ने सामने से तेजी के साथ आते हुए एक सवार को देख घोड़ा रोकने के लिए ललकारा, मगर वह क्यों रुकने लगी थी, हां, उसे असली कमला के दाहिनी तरफ वाली राह पर जाने के लिए घूमना था, इसलिए अपने घोड़े की तेजी उसे कम करनी ही पड़ी।

जब असली कमला ने देखा कि सामने से आया हुआ सवार उसके ललकारने से भी किसी तरह नहीं रुकता और दाहिनी सड़क से निकल जाना चाहता है तो झट कमर से दुनाली पिस्तौल निकाल उसने घोड़े पर वार किया। गोली लगते ही घोड़ा नकली कमला को लिये जमीन पर गिरा, मगर घोड़े के गिरते ही वह बहुत ही जल्द सम्हलकर उठ खड़ी हुई और उसने भी कमर से दुनाली पिस्तौल निकाल असली कमला पर गोली चलाई।

असली कमला तो पहले ही सम्हली हुई थी, गोली की मार से बच गयी, फिर दूसरी गोली आयी पर वह भी न लगी। लाचार नकली कमला ने अपनी पिस्तौल फिर भरने का इरादा किया मगर असली कमला ने उसे यह मौका न दिया। दोनों गोली बेकार जाते देख वह समझ गयी कि उसकी पिस्तौल खाली हो गयी है, हाथ में पिस्तौल लिये हुए झट उसके कल्ले पर पहुँच गयी और ललकार कर बोली, "खबरदार, जो पिस्तौल भरने का इरादा किया? देख, मेरी पिस्तौल में दूसरी गोली अभी मौजूद है!" तकली कमला भी यह सोचकर चुपचाप खड़ी रह गयी कि अब वह अपने दुश्मन का कुछ नहीं बिगाड़ सकती क्योंकि पिस्तौल की दोनों गोलियां बर्बाद हो चुकी थीं और घोड़ा उसका मर चुका था।

पिस्तौल के अलावे दोनों की कमर में खंजर भी था मगर उसकी जरूरत न पड़ी। असली कमला ने ललकार कर पूछा, "सच बता, तू कौन है?"

नकली कमला को जान दे देना कबूल था मगर अपने मुँह से यह बताना मंजूर न था कि वह कौन है। असली कमला ने यह देख अपने कोड़े का ऐसा चपेटा दिया कि वह किसी तरह सम्हल न सकी और जमीन पर गिर पड़ी। जब तक वह होशियार होकर उठना चाहे, तब तक असली कमला झट घोड़े से कूद उसकी छाती पर सवार दिखाई देने लगी।

असली कमला ने जबर्दस्ती उसकी नाक में बेहोशी की दवा लूंस दी और जब वह बेहोश हो गयी तो उसकी छाती पर से उतरकर अलग खड़ी हो गयी।

असली कमला जब उसकी छाती पर सवार हुई तो उसे अपनी ही सूरत का