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(६०० ६६६ ई.) नमा उनने उत्तराधिकारी खलीपा हुए। ये चार पार नामसे पुकारे जाते हैं । अबू बकर सिद्दीर (सत्यवादी), उमर पारूर (न्यायी), उसमान विनम और अली आलिम (विज्ञान) कहे जाते है। ८ (बीगनेर प्रतिके प्रराशित पाठके आधारपर) साहि फिरोज दिल्ली पड़ राजा । छात पाट औ टोपी छाजा ॥१ एक पण्डित औ है पडिवाहा । दान अपुरिस सराहै काहा ॥२ टिप्पणी-(१) फिरोजशाह-पोरोजशाह तुगलस्वर्शन दिल्ली सुल्तान गिपामुद्दीन तुगलकवे मोटे भाई रजरका पुन और मुहम्मद तुगल्या चचेरा भाई था । मुहम्मद तुगलपकी मृत्यु पश्चात् वह २३ मार्च १३५१ ई० को सुल्तान घोषित किया गया और ३७ वर्षतक शासन करने पश्चात् २२ सितम्बर १३८८ ई० को उसकी मृत्यु दई। उसके समयमे प्रजा अपेक्षाकृत मुखी और समृद्धिपूर्ण थी। छात-उत्र। पाट (स. पह)-राजपट, सिहासन । टोपी-मुकुट । राजा-(प्रा.. धात्वादेश उज्ज) मुगोभित होना । (बीकानेर प्रतिके प्रकाशित पाटके आधारपर) सेख जैनदी हौं पथिलावा । धरम पन्थ जिंह पाप गँवाया ॥१ ___ पाप दीन्ह मैं गाँग यहाई । धरम नाव हों लीन्ह चड़ाई ॥२ टिप्पणी-(१) सेख जैनदी-दशेस जैनुद्दीन मुप्रसिद्ध चित्ती सन्त हउरत नसीरुद्दीन महमूद अवधी 'चिराग ए दिल्ली की बटी बहन बेटे थे। डी पहनने वेटे होनेरे साथ साथ वे उन शिष्य और सादिमे सास (मुख्स सेवक) भी थे। (पीकानेर प्रतिके प्राशित पाटके आधारपर) सानजहाँ सरि जुग जुग सानी । अति नागर बुधवन्त बिनानी ॥१ चतुर सुजान भास सर जाना । रूपरन्त मन्तरी सुजाना ॥२