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. गयी। उसने तत्काल चाकूको तालपमे पेंक दिया । वीर वठवा चाद लेने वालदमें घुसा और कीचडमें फंस गया। जपतप वह वहाँसे निकल पाये, चन्दैनी अपने घरमें घुस गयी। वीर यठया गुस्से भरा गीमे चयर लगाने लगा। कोई भी लडकी उसरे डरसे पानी भरने नहीं निकलती। अहोरके ल्डदे मारे डरपे गाय चराने नहीं जाते। गायें तबेलेमें पडी-पडी मरने लगी, भैंसे छानमें से सींचपर घास चलाने लगी। लोग घरमें पड़े-पड़े भूससे अधमरे होने लगे। जिन घरमें कुआँ था, वे तो कुछ सा पा रेते थे। जिनके पास नहीं था, वे जानवरों की तरह प्याससे छटपटाने लगे। यह देखकर चन्दैनीको माँ योगे-मुझे वो तीनों लोक्मे अवेला वीर लोरिक ही एक आदमी ऐसा दिखाई देता है, जो वीर वठवाको मार सकता है । और कोई दूसरा नहीं तो दिखाई देता । यह यहार लाठी टेक्ती हुई बुढिया लोरिक के परकी ओर चल पडी । वह छोटी-छोटी गलियों, पिर छोटे-बडे बाजारोंफो पार करती हुई वहाँ पहुँची, जहाँ लोरिक सोया हुआ था । जाकर बोली- तुमसे मैं क्या कहूँ लाल, बठवा है तो जातका चमार, नीच, पर है वह बोला । उसने मेरी पहलीपर हाथ बढाया है। उसकी इज्जत बचानेमें सब लोग असमर्थ है। यह सुनते ही लोरिक सारसे उठ पडा और अपनी भहारी ल्ठ उफर चलने रगा | तभी घरके भीतर छिपी आँखोंने उसे देस लिया । उसकी पत्नीने आकर रोका। बोली-मत जाओ, ईश्वरपे लिए मव जाओ। वह चमार महाधूर्व है, उसे तुम इय न सकोगे। हटग मननरिया-लोरिक बोला-है तो चमार ही। भला यह मुझे पेसे हरायेगा ! अगर मैं उसे भून न डालूं तो मैं अपनी मूंछ पा डालूंगा। ____ मनजरिया बोली-उसे हरानेका एक ही उपाय है। उसे ऐसी जगह रिवा जाओ, जहाँगी बमीन बहुत फटी हो। वहाँ पाँच हायके अन्तरपर दो गहे कमरवी गहराई तक सोदो। एक गमें उस चमारवी पीयी तुम्हें गाड़े और दूसरे में उस वटवाको गाउँ जो उसमेंसे पहले निक्ल्पर दुसरेको पीटे, यही विजयी माना जाय । __ अच्छा तो अन्दीसे तैयार हो जा मनजरिया । लोरिक्ने कहा । मनजरिया सज वर पर सिरपर अशर्पियोंकी यार रसकर चल पड़ी। आगे-आगे लोरिक पला, उसपे पीछे बुढिया और सबसे पीछे मनजरिया । गली में मवानपे सामने यठवा टहल रहा था। देखते ही लोरिक चिल्लाया-रास्तेसे पट यठवा, नहीं तो लाठीम तेरा सिर तोट दगा, तेरी बत्तीसी बाहर निकल पड़ेगी। हट जाओ लोरिक, नहीं तो ऐगी मार गारंगा र तेरो यत्तीसी तेरे पेटमें रामा जाग। उप लोरिख योला-दो सरता है कि में मुमको न मार गई, लेकिन तुम भी मुझको नहीं मार सक्ते । अन्य दो वढी जमीनर चलकर हम दोनों ओर आजमा