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३९८ है, एक ल्डरीसे हुआ था। किन्तु उसकी पत्नी सतमैना अभी बची थी और उसका गौना नहीं हुआ था। उसके एक यान थी, जिसका नाम एकी था। लोरी एक भाई था, जिसका नाम सेमरू था । अनाथ होने के कारण उसे लोरीके पिताने अपने बेटेकी तरह पाला था । वह अगोरीके पास ही पाले नामक गाँवमे रहता था । लोरी और चन्दैन दोनों हरदुई पहुँचे । मुंगेरसे उत्तर यह दो दिनकी मजिल्पर सित था । उहोंने यहाँप राजाको हराकर देश जीत लिए । हारे हुए राजाने कलिंग राजासे सहायता ली और लेरीको गिरफ्तारपर एक कोठरीमे बन्द कर दिया । वहाँ उसे लिटाकर उसरे हाथ-पैरों में कील सेंक दिये गये और उसके छातीपर भारी बोझ रस दिया गया। इस तरह वहाँ वह बहुत दिनोंतक पड़ा रहा। अतमें आराधना करनेपर दुर्गा प्रसन्न हुई और उसे छुटकारा मिला । छूटनेचे बाद, उसने राजा फिर रडाई की और हरदुइयो जीत लिया और चन्दैनसे उसका मिल्न दुआ । वहाँ उनसे एक पुन उत्पन्न हुआ और वे वहाँ बहुत दिनोंतक रहते रहे। एक दिन उनपे मनमे स्वदेश लौटनेकी इच्छा जाग्रत हुई और ये बहुत सा धन ऐकर पाली लौट आये। इस बीच उसक पोष्य भ्राता सेमस्का कोलने मारकर उसकी गायें और धन दौलत लूट लिया था उसके एक ल्डका था। उसका परिवार बड़े बरसे जीवन बिता रहा था । रोरोकी पत्नी भी सयानी होकर सुन्दर युवती हो गयी थी और अपने मायरे में ही एक ओवन बिता रही थी। लोरीने पहुँचकर प्रचार किया कि दूर देशका एक राजा आया है। समय इतना बदल गया था कि कोई उसे पहचान न सका । इस प्रकार अपनेको छिपापर उसने अपनी पदारे सतीत्वकी परीक्षा देनेवा निश्चय क्यिा । परत यह जानकर पि उस शिविरमें दूध बेचने आनेवाली स्त्रियोंम उसकी पत्नी भी है और उसे पहचानकर (उसकी पनीने उसे नहीं पहचाना) उसने अपने शिविर आनेये मार्गम एक धोती पेला दी टाकि पोई भी उसे रौदें बिना न आ सके। दूसरे दिन प्रात काल, जर औरत दूध येचने आयी तो उसने अपनी पत्नी (चन्दैन)से यहा कि उनसे झपटकर आनेको कहे। सतमैना चन्दैनवे रहनेपर धोतीतर तो तेजीसे आयी मगर वहाँ आपर वह कम गयी। दूसरी औरतें उसपर चलती चली गयीं। सतमैनाने धोतीको रौंदकर गनेरे सिवा कोई रास्ता न देसफर धोती हटा रेने लिए कहा । यह देसपर छोरी बहुत प्रसन हुआ। जर यह द्ध पेंच चुकी और दाम माँगने लगी तो लोराने उरावी टोकरीम जवाहरात रसर चावल्से ढक दिया । पिना पिसी प्रकार सन्देह रिये वह रेकर चली गयी। परपर टमी यहनने रोकरी साली करते हुए उन जवाहरातों को देसा और अनुमान किया कि उसने उन्द दुराचार द्वारा प्राप्त किया है। तदनुसार वह रातमेलापर आरोप करने लगी। एतमेनाने जगरातोंये प्रति अपनी अनभिज्ञता प्रकट की। अन्तमें दोनोंने सन्देह दूर करने लिए एक साथ मेरा निश्चय दिया। दूसरे दिन वे दोनों साथ गयों। स्कीम हारीया पहचान लिया और राय यासविकता प्रकट हो