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२०८ २२२ (रीरंण्ड्स १७३५) जवाब दादने लोरक चाँदा रा (लोरकका चाँदाको उत्तर) जिहें दिन चाँद देहों कड़ा । तिह दिन देखि तोर रंग चढ़ा ॥१ (विसरा लोग कुटुंब घर वारा) । विसरा अरथ दब भोपारा ॥२ मुख तँयोल सिर तेल विसारा । विसरा परिमल फूल कै हारा ॥३ अन नरूच निसिनींद पिसारी । विसरी सेज सकल फुलवारी ॥४ बुध विसरी रेंग भयउँ सवाई । ताकह न रंग गहे चौराई १५ नेह तोरे रंग पुरोवा, हिरदै लागेउँ आइ ।६ कूतय सरग चद धरती, जे सर जाई तो जाइ ॥७ मूलपाट-(२) विसरा लेग कुठेय घर बार पिसारा । २२३ (राहण्ड्स १७४) गुफ्तने चादा हिकायते इवे खुद पर लोरक रा (चाँदका रोरकसे अपने प्रेमरी दात कहना) जिहि दिन लोरकरन जितिआयहु । पंठि नगर धाइ दिखरायह ॥१ तिह दिन हुत मैं अन न करायो । परी न नींद सेज न मुहाई ॥२ पेट पैसि जिउ लीन्हा कादी । बिनु जीउ नारिदीय वर ठादी ॥३ मैं तुम्ह लाग जेउनार कराई । झतस करी पिताइहॅ हॅकराई ॥४ मकु तुम्ह एक टक देखें पायउँ । देस रूप मुस नैन सराहे ॥५ तिहि दिन हुत ही भूले, मोर जीउ तुहकों चाहु ।६ -चिर जिया पिरम तुम्हारा, लोर दुनि करियहि काहु ।।७