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१३२ (४) सिकरी-वाल्मे पहनेकी जडीर । (६) चूरा-पैरमें पहननेको चूडियो, छडा । पापल-(स० पादपाल> पापाल>पापाल>पापल) पायजेर, पॉवर । (सेलोड्स ५५) तमाम कर्दन दाजिर सिपते चौदा व इस्तेदादे च कर्दने राव (रूप पर्णन सुनकर राव द्वारा कुचकी तैयारी) सभ सिंगार बाजिर जो कहा । राजा नैन बैतरनी वहा ॥१ राइ कहा सुन चाँठा आई । राजकुरै फेरि देहु दुहाई ॥२ राउत पायक साहन पारी । झेतस करि लै आउ हकारी ॥३ जाँवंत भरे देस मोर आनॉ। ताँवत जाइ पठउ परधानाँ ॥४ जिहि लग चाँधे जाने काछा । मार चिपारौ जो घर आछा ।।५ राजा चला बरेख, साँभर लेड मॅजोड १६ आगें दयि के चला वह, पाछे रहै न कोई ॥७ टिप्पणी-(२) राजकुरै-राजकुलें में। (3) राउत-(स० राजपुत्र>रामउत्त>राउत्त>राउत) यहाँ तात्पर्य सामन्तोंते है। पॉपक (स० पदातिक>पाइक) पैदल सैनिक । तस-सान। (५)काणा-कन्छ। ९७ (रिण्ट्स ५५) हिपते दर इस्वेदादे गोपद ( झी तयारी) ठोंके तरल मेघ जनु गाजे । घर-घर सबही राउत साजे ॥१ अगनित वीर बहुल धनुकारा । सात सहम चले कँटकारा २ नवइ महस घोड़ पाखरे । तारूँ तस्वाँ लोहैं जरे ॥ चढे आये लास असवासलास गया. औ परवारा ॥४ एक सहस फरकार चलाया । तूरों सींगा अन्त न पावा ।।५